वो ज़ुल्फें जो हाथों से एक तरफ़ कर लेती हैं आप,
बा-ख़ुदा आंखों से दिल तक सफ़र कर लेती हैं आप ।
Woh zulfein jo haathon se ek taraf kar leti hain aap,
Ba-khuda aankhon se dil tak safar kar leti hain aap.-
मोहब्बत खिसक जाएगी हाथों से " सुशील "
अगर पता चला मजबूरी में कपड़े मैले पहनते हो।-
वक्त ढूँढ रहा था मुझे हाथों में खंजर लिए
मैं छुप गया आईने में
आँखों में समंदर लिए
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ऐसा ना हो कि आज का सूरज ढल जाए
देखते-देखते कल का चाँद निकल आएगा
आने वाला ना जाने कब आएगा
तब तक हाथों में ही गुलाब सूख जाएगा-
सिर्फ़ सजावट ही बया होती है हाथ की लकीरों से,
कौंन ही करता मेहनत फ़िर......
अगर क़िस्मत मालुम होती।।-
मेरे हाथों से दूर ,
किसी ग़ैर के हाथों में हो तुम,
मेरे तो दिन में भी नहीं,
किसी ग़ैर की रातो में हो तुम।-
जानाँ तेरी बेवफ़ाई पर लिखूँ एक किताब
इच्छा है तरवीज भी तेरे हाथों से हो जाए-
हाथों पे मेहदी कभी तेरे मोहब्बत की मैंने भी लगाई थी
तेरे प्यार से अपनी जिन्दगी हसीन खुशनुमा बनाई थी
मेंहदी से नाम लिख कर आँखों में कई सपने सजाऐं थे
जब वहीं सपने टूटे तो हाथों पे मेंहदी मैंने बिखरी पाई थी ।।-
तुमको छूकर किसी और को छूना चाहे ,
तुमको महसूस करके किसी और को महसूस कर ले,
हैरत है , और लानत भी ऐसे हाथो पर।-