-जो दिया प्रकृति ने दिया-
जीवन से लेकर मरण तक...
भूख मिटाने से लेकर प्यास बुझाने तक दिया।
सवाल ये है, हमने क्या किया,...।
आखिर क्यों आने वाली पीढ़ी का हक-अदा छीन लिया।
होंगे बच्चे कल हमारे भी पूछेगें तुमलोग ने यह क्या किया।
तुमसे तुम्हारी पीढ़ी ने, औऱ तुमने हमसे जीने का हक-ओ-अदा क्यों छीन लिया।
क्या दोगे तुम जवाब, जब सारी प्रकृति को तुमने उनसे छीन लिया।
मानव बना प्रकृति का दुश्मन, प्रकृति ने भी ये जान लिया।।-
जी रया,जागि रया,यो दिनबार भेटने रया,दुब जस जड़ हैजो,पात जस पौल हैजो,स्यालक जस बुद्धि हैजो,बाघक जस त्राण हैजो,हिमालय में ह्यूं हुन तक,गंगा में पाणि छन तक हरेला त्यार मनाते रया ।
हरेला पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। श्रावण के पवित्र माह.-
💕💕"हरेला"💕💕
हरी भरी बने रहे फुलवारी सबकी
हरी भरी बने रहे खुशियां सबकी
हरा भरा हो हर घर मंगल काज
हरियाली सा खिले हर घर परिवार,
उत्तराखंड के लोक पर्व
हरेला की हार्दिक शुभ मंगल कामनाएं !!
"मेरे शब्द"✍🙏
दीपा कांडपाल😊🌹-
हरी-भरी बनी रहे फुलवारी
सबकी हरी-भरी बनी रहे खुशियां
सबकी हरा भरा हो हर घर मंगल
काज हरियाली सा खिले हर परिवार..,
जी रया .. जागि रया ..
यो दिनबार भेटने रया ..
दुबक जस जड़ हैजो ..
पात जस पौल हैजो ..
स्यालक जस बुद्धि हैजो ..
बाघक जस त्राण हैजो ..
यो दिन और यो मास भटनै रये,
अगासाक चार उकाव,धरती चार चकाव है जये,
स्याव कस बुद्धि हो,स्यू जस पराण हो ।।
हिमालय में ह्यूं हुन तक ,
गंगा में पाणि छन तक हरेला त्यार मनाते रया .. मनाते रया …
हरेला की हार्दिक शुभकामनायें ...
-
धार सब हरिया हैजो, गयीं जौ लै सूखी
दुख सबौक दूर हैजो, चमकौ सबौ मूखी।
डाला में फल लदीजौ, अनाज कोरंगा भरि
"राजू" सब सफल हैजौ, मेहनत जौलै करि।
ठंडी ठंडी बयार बगौ, जौ नौला सब भरी
गौरू भैस मोटा हो, दयौ दूद भरि भरी।
गौं घरौ में खूब बढो, आपसौ को प्यार
झूलन फूलन हौ सबौ, हरेलौ को त्यार।-
हरेला की सामाजिक, सांस्कृतिक और वेज्ञानिक महत्ता
कृपया केप्शन में पढें🙏-