Mohit Das  
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Joined 3 April 2020


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Joined 3 April 2020
16 NOV 2024 AT 11:50

–संगीत थैरेपी–

भारत के कई बड़े शहरों में आजकल डॉक्टर अपने क्लाइंट्स को संगीत थैरेपी की सलाह देते हैं, इसमें क्लाइंट्स को संगीत और उससे जुड़े माध्यम से जुड़े रहने की सलाह दी जाती है।
इसके लिए क्लाइंट्स को संगीतकार होना या गायन_वादन सीखना जरूरी नहीं है, बल्कि श्रवण संगीत अर्थात वे सेशन जिसमें लिसनिंग आती है, क्लाइंट्स को उसके मानसिक या शारीरिक रोग के आधार पर सुगम संगीत या उस रोग से जुड़े राग, रिकॉर्डिंग आदि सुनने की सलाह दी जाती है,
इससे क्लाइंट्स विभिन्न क्रियाओं जैसे– रिलेक्सेशन, मनन, फ्री मूवमेंट, आत्मलीन होना और मन शांत होना और मानसिक चिंताओं आदि से मुक्त होता है, जिससे उस व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक लाभ मिलता है।

संगीत थैरेपी द्वारा देश–विदेशों में आज सफल इलाज होना संभव हुआ है।।

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18 AUG 2024 AT 20:22

सभी बहनों को
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं🙏

मैं परमेश्वर से आपके उज्वल भविष्य और
अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं।
🙏😊खुश रहिए😊🌸

प्रसन्न भाव प्रेम प्रणाम🙏🌼🌸😊

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18 AUG 2024 AT 20:16

सभी बहनों को
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं🙏

मैं परमेश्वर से आपके उज्वल भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं।
🙏😊खुश रहिए😊🌸

प्रसन्न भाव प्रेम प्रणाम 🙏🌼🌸😊

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12 JUL 2024 AT 5:30

(ज़िंदगी के रंग)

झूठे रंगों से रंगी थी जिंदगी
बेरहम वो भी बेरंग हो गई
चेहरे की मुस्कान झुटी सही
लेकिन अब वो भी खो गई

दर्द बता नहीं सकते
असलियत जाहिर कर नहीं सकते..

झूठ की बुनियाद पर थी खुशी की वो चादर,
ऐसी फटी की अब दोबारा सिल नहीं सकते
सपने टूटे, अपने छूटे, हासिल कुछ कर नहीं सकते...

देखे जिंदगी तेरे भी रंग
शायद खुश अब रह नहीं सकते।।

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15 FEB 2024 AT 16:08

जिंदगी एक मौका दे, मैं खुद को साबित करना चाहता हूं।
रह गया जो मुकाम अधूरा उसको पूरा करना चाहता हूं।।

अजब–गजब दुनिया के झमेले,
उलझे कुछ जिंदगी के सवाल..
मैं खुद से खुद में लड़ना चाहता हूं

रह गया था जो पीछे,
भुला देना अब मैं चाहता हूं।।

ज़िंदगी एक मौका दे,
मैं खुद को साबित करना चाहता हूं।।

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15 DEC 2023 AT 22:17

–त्यौहार–

D7...........अफसोस इस खानाबदोश जिंदगी में न जाने कब कौन सा सफर लिखा हो, और मेरा क्रिसमस कब और कहां हो।

E9..........रुक जा ऐ मुसाफिर थम जा ऐ मुसाफिर...तेरे कदम बहुत आगे निकल चुके।
तू चल तो पड़ा है लेकिन मुड़कर देख, तेरे अपनों ने तेरे कदमों के निशान मिटा दिए।।

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8 DEC 2023 AT 1:13

सर्द रातों में भी गर्मी महसूस करता हूं,
अकेले बिस्तर पर लेट बीते कल को याद मैं कर लिया करता हूं।

कैसे बीत गया वो पल जो था सबके साथ हो चला आज अकेला ,
खुशहाल हो सबकी दुनिया रब से ये दुआ मांग लिया करता हूं।

कुछ यूं उजड़ी मेरी जिंदगी खुद से खुद को सुना लिया अब मैं करता हूं,
लोगों के तानों से परेशान मैं दास ,कुछ झूठे सहारे का अहसान ले लिया करता हूं।

बिता वक्त बीते कई साल ये मुश्किल दौर भी गुजर जायेगा,
खुद से यह बात कह लिया मैं करता हूं।

थे कई अपने मेरे भी... अब है उनकी यादों का सहारा ,
आईने में खुद को देख एक से दो हैं झूठी तसल्ली मैं अब दे दिया करता हूं।

होंगे मेरे फैसले गलत भले लेकिन कोशिश हर हालात में मैं कर लिया करता हूं।

शिकायत नहीं किसी से मुझे ए दुनिया के लोगों......मैं खुद से खुद में मुस्कुरा लिया अब मैं करता हूं।।

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15 OCT 2023 AT 14:10

जिस घर की बूढ़ीयों को आपस में
घर में आग लगाने का शौक हो,
उस घर की रीड की हड्डी नहीं होती।।

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13 AUG 2023 AT 11:12

क्या कुछ नहीं किया मैंने अपनों के खातिर
हर परिस्थिति में खड़ा था प्यार के खातिर,

दूर रहकर किसी से ईमानदारी दिखाई नहीं जाती, प्यार के खातिर परिवार की इज्जत लुटाई नहीं जाती,

तुझे मुबारक बड़ा शहर बड़े पद ओ सनम,
तेरी बेरुखी बर्दाश अब की नहीं जाती.......।।

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11 NOV 2022 AT 22:49

मेरे जीवन में भी एक पल ऐसा आया था, कर फैसला जिसे मैं पथ पर आगे बढ़ने आया था.....
हुवे बहुत उतार_चढ़ाव मगर नाव को डूबने से मैने हर पल बचाया था...।।

था दूर अपनों से अब हूं मैं और चला, वार्ता हुई बंद हो गए विच्छेद जीवन ऐसा हो चला......
यात्री जीवन भटक गया, दूर अब मैं निकल गया..।।

क्या कहूं किसी से हां गलत फैसला मैं ले पड़ा
कामियाब से हुआ अब नाकामियाब बात अब जान पड़ा।।

अपने पराये सबने मुंह अब फेर लिए,
पल दो पल की कोई खबर लेने को नहीं जीवन व्यथा को अब जान पड़ा।।

होते हैं कामियाब लोगों के साथ हजार चलने वाले, ये नाकामियाब इंसान आज जान पड़ा।।

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