तू सिर्फ,
इज़हार-ए-इश्क़ की हिमायत तो कर
तेरा प्रीतम,
बंदिश-ए-इश्क की रवायत बदल देगा-
मेरा हमसफर ही नही
मेरी ज़िंदगी भी है तू
लाख कोशिश कर ले दुनिया
हमें अलग करने की
मगर दूर हो कर भी करीब है तू
वक़्त गवाह है इस बात का
लोगो ने अलग अलग रूप से हमें
कैसे अलग करने की कोशिश की
कैसे कैसे दिन देखे हम दोनों ने
मगर वक़्त की मार ने उनको ऐसा
सबक दिया की उन्होंने भी हमारे प्यार
के आगे सर झुका लिया
आज खुदा गवाह है तू मेरी ज़िन्दगी
ही नही मेरा हिस्सा है तू।।।
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कब तक चलता रहेगा ये शिलशिला
दरम्यान हमारे कुछ तो तोड़ निकालो वरना
हम तन्हां ही ठीक हैं!
पल दो पल का साथ हमे चाहिए नहीं
चल सकों उम्र भर तो चलो वरना हम
तन्हां ही ठीक हैं!
बंजारो कि तरह ठिकाना ढूढना हमें भाता नहीं
हों सकें तो अपने घर में थोड़ी जगह दो वरना
हम तन्हां ठीक हैं!
था़म कर यूं हाथ फिर छोड़ना हमें आता नहीं
बन सको हम सफर तब तो थामों
वरना हम तन्हा ही ठीक हैं!
कमियां बता कर बेश़क बहोत दूर चले जाओ
फिर मुड़ के हमें ना देखना ताका झाकी अब
करना नहीं वरना हम तन्हा ही ठीक हैं!
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मेरी संगनी मेरी अर्धांगनी,
तू हवा जल सी पावनी,
मैं गीत कोई विरह का,
तू मिलन की कोई रागनी,
है धूप सी यह ज़िन्दगी,
तेरी छाओं में है गुजारनी,
मैं गांव तेरे ख़्वाब का,
तू पीपल की कोई छावनी,
मन चंचल क्षणभर ठहर,
तेरी ओट ही है मनभावनी,
तू ही राधा तू ही मीरा,
तू उर्वशी मेरी कामिनी,
मेरी संगनी मेरी अर्धांगनी,
तू हवा जल सी पावनी..!-
कुछ पल इतनी जल्दी बीत जाएंगे
अंदाज़ा नही था
ज़िन्दगी कब कहाँ नया मोड़ ले ले
अंदाज़ा नही था
सफर में ही हमसफर मिल जाने से
ज़िन्दगी का रुख यूँ बदल जायेगा
अंदाज़ा भी नही था
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💕रूह-ए-जिंदगानी हर वक्त मेरी आँखों में बसी रहती है,
औ रूख़्सार मेरे गुलआजार किये जाती है!!!
वो और बात है कभी हमशीर,कभी हमरिश्त, कभी अत्फ़ाल, कभी हमनशीं तो कभी हमसफ़र का चोला पहन आती है!!💕-
चलो हमसफर बन हम एक दूजे के साथ चलते हैं , तुम देना साथ मेरा मैं दूंगा साथ तेरा
यूं ही पूरा उम्र एक दूजे के संग काटते हैं ।-
बिन कहे ही तूने मुझे सब कुछ दे दिया है
आँखों से आँसू और दिल से मेरा सारे दर्द ले लिया है
तुझसे अब क्या माँगू मैं ऐ हमदम ऐ हमसफर मेरे
तूने तो इस 'तन्हामुसाफ़िर' को जीने का खुबसूरत से सबब दे दिया है-
गुजर जाती है ज़िन्दगी , यूँ ही गुजर रहे हैं पल
कोई हमसफ़र मिले न मिले , तू अकेला चल-