टीवी सीरियल में बड़े बड़े राक्षस किसी को मारने के बाद अजीब अजीब तरह के हथियार लहरा कर हंसते हुए दिखाए जाते थे तब ,समझ नहि आता था कि हत्या करने के बाद तो इन्हे गुस्से में दांत किटकिटाने चहिए थे मगर इनको हंसते हुए दिखाया जा रहा है ,तो भई हो सकता है नाटक में विशेष प्रभाव पैदा करने के लिए ऐसा करते होंगे मगर अब, जब हत्यारों को टीवी पर हत्या करने के बाद हाथियार लहराते और मुस्कराते देखा तो पुराने नाटक के निर्माताओं की कल्पना शक्ति को दाद दिए बगैर रहा नहीं गया। अंतर बस केवल इतना ही रहा कि पहले के राक्षस ठहाके लगाते थे और अब के हत्यारे रहस्यमय तरीके से मुस्कराते है।