Nitin Seeker  
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Joined 22 June 2018


Joined 22 June 2018
14 APR AT 8:00

#बाबासाहेबजी
हमें आपका अनुयायी होना था।
और हम आपके भक्त हो लिए।
जलानी थी, विचारों की मशाल
हम धूप अगरबती ज्योत के हो लिए।

आपने कहा था —
“शिक्षित बनो, संघर्ष करो,”
पर हमने किताबें छोड़ दीं,
और हम जयकारे में शामिल हो लिए।

संविधान रचने वाले को,
हमने फूल माला खूब चढ़ाई,
पर उसके बनाए कायदों से ,
खुद ही कोसों दूर हो लिए।

आपने बराबरी सिखाई,
हमने आपस भेदभाव बोया,
आपने एकता का सपना देखा,
हमने जाति में उप जाती के बीज बो लिए।

आपने कहा था —
“सोचो, समझो, सवाल करो,”
हमने बस आँख मूँद लीं,
और दकियानूसी परंपराओं के हो लिए।

बाबा साहब,
हमें आपका अनुयायी होना था।
और हम आपके भक्त हो लिए।

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14 APR AT 1:06

#बाबासाहेबजी
हमें आपका अनुयायी होना था।
और हम आपके भक्त हो लिए।
जलानी थी, विचारों की मशाल
हम धूप अगरबती ज्योत के हो लिए।

आपने कहा था —
“शिक्षित बनो, संघर्ष करो,”
पर हमने किताबें छोड़ दीं,
और हम जयकारे में शामिल हो लिए।

संविधान रचने वाले को,
हमने फूल माला खूब चढ़ाई,
पर उसके बनाए कायदों से ,
खुद ही कोसों दूर हो लिए।

आपने बराबरी सिखाई,
हमने आपस भेदभाव बोया,
आपने एकता का सपना देखा,
हमने जाति में उप जाती के बीज बो लिए।

आपने कहा था —
“सोचो, समझो, सवाल करो,”
हमने बस आँख मूँद लीं,
और दकियानूसी परंपराओं के हो लिए।

बाबा साहब,
हमें आपका अनुयायी होना था।
और हम आपके भक्त हो लिए।

नितिन

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19 JAN AT 0:29

पर हमने फिर भी कुछ नहीं किया।

शब जवां थी मद्द के प्यालों से
पर हमने फिर भी कुछ नहीं पीया।

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19 JAN AT 0:21

Which can opaque your future

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19 JAN AT 0:19

तुम्हारा अक्स
अक्सर हावी हो जाता है
तुम्हारे मन में।
तब एक सिहरन
दौड़ पड़ती है
तुम्हारे तन में।

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1 DEC 2024 AT 1:35

इन इंसानों की
बस्ती में
दहशत भी है,
और
वहशत भी है,
फिर भी इंसान
यहां जिंदा है, तो
हैरत की बात है।

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19 NOV 2024 AT 22:43

ऐ जिंदगी,
मेरा अब एतबार न कर।
मैं अब उसके नशे में हूं।

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2 NOV 2024 AT 22:40

हमने इश्क़ में होंठ भी चूमे हैं
और उसके कदम भी चूमे है।

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2 NOV 2024 AT 22:37

अंधेरों की उजाले से सुलह हो गई।
फिर रात ढली और सुबह हो गई।

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25 JUL 2024 AT 23:01

घर पहुंचते पहुंचते अक्सर, बहुत देर हो जाती है।
सड़क कभी लंबी, तो कभी संकरी हो जाती हैं।।

इन सड़को के सफर में , मैं अकेला भर तो नहीं।
यहां सभी को, कभी न कभी तो देर हो जाती है।।

लगता है तुम्हे इल्म नहीं अभी, सड़क की भीड़ का
यहां गाड़ी से चलने वालो को भी देर हो जाती है।।

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