सोच रहा हूं, कुछ कर्ज़ उधार ले लूं, उस बूढ़ी माँ की ममता एक बार ले लू। कांपते उसके हाथों एक बार, अपने हाथ ले लू यहाँ से थोड़े दिनों के लिये उसके साथ आबाद ले लू।
कल तक आंख दिखाने वालों का? JNU में पुलिस कैसे घुसी और आज का??? JNU में पुलिस क्यों नहीं घुसी
अरे बाबा नकाबपोश कितने हैं उन चेहरों को खंगाल कर देखने की जरूरत है मगर कोई देखना चाहता है क्या???
भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाने वालों टुकड़े भारत के नहीं उन नकारात्मक सोच और नकाब के पिछे छुपे दूषित विचारों के होंगे चाहे कितने भी गुंडई कर लो जय हिंद 🇮🇳