सुनो जब मैं ख़ुद से हार जाऊँगा न तो
तुम मुझे जीत का सेहरा पहनाने आना।1।
जब मैं इस सारे जहाँ से रूठ जाऊँगा
न तब मुझे बड़े प्यार से मनाने आना।2।
जब मैं तपती दुपहरी में झुलसने लगूँगा न
तब तुम मुझे बन कर के हवा सहलाना।3।
जब मैं तेरी एक झलक को तड़प जाऊँगा
न तब तुम आकर चाँद में दिख जाना।4।
जब मैं ख़ुद से भी ज़्यादा तुमको ख़ुद में
पाऊँगा न तब तुम आकर मेरी हो जाना।5।
जब मैं सबसे रिश्ता तोड़ जाऊँगा न तब
तुम मेरी एक पुकार में हक़ीक़त बन आना।6।
जब कभी न जाने के लिए आ जाओ न
तब कभी भी भूल से भी तुम मत जाना।7।
सुनो! अब न दर्द बड़ा दर्द देता है मुझको, तुम
आकर के मेरे हर मर्ज की मरहम बन जाना।8।-
अरे.. रुको.. रुको...
सुनो..
तुम मेरा प्रेम ग्रंथ ना बनना..
तुम मेरा इतिहास बनना..
जानते होगे...
इतिहास खुद को दोहराता है..
और मैं चाहती हूं..
हमारे प्रेम का इतिहास..
खुद को दोहराए...-
आज भी इंतज़ार में है मेरी अनकही शिकायते की
कोई आए और बस उसे सुन ले !-
सुनो! मुझे न बात-बात पर यूँही गुस्सा आ जाता हैं,
तुम मुझे हर बार अपने प्यार से मना लोगी क्या?1
सुनो! मैं अपनी भावनाओं के सागर में अक्सर डूबने
लगता हूँ हर बार तुम मुझे डूबने से बचा लोगी क्या?2
सुनो! बेवजह ही मेरा ये बावरा सा मन बेचैन हो जाया
करता हैं बेवजह, तुम मेरा सुक़ून बन जाओगी क्या?3
सुनो! मुझे हर वक़्त मेरे कल का ख़्याल सताता है,
तुम मेरा आज बन कर, मेरा कल सँवार दोगी क्या?4
सुनो! मेरे पास खुद के लिए भी वक़्त नही रहता है
आजकल, तुम मेरे साथ मेरा इंतज़ार करोगी क्या?5
सुनो! मैं बहुत आगे जाना चाहता हूँ इस ज़िंदगी में,
तुम हर एक राह पर ताउम्र मेरी हमराह बनोगी क्या?6
सुनो! 'एकतन्हामुसाफ़िर' हूँ जो अकेले ही चल रहा है
'सफ़र-ए-ज़िंदगी' में, तुम मेरी हमसफ़र बनोगी क्या?7
सुनो! मैं इंतज़ार में हूँ मेरे वक़्त के आने का मूदत्तों से,
तुम साथ में मेरे, हमारे वक़्त का इंतज़ार करोगी क्या?8
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दफ्तर में एक पल भी अरसा लगता है मुझे
उसके कहे अल्फाज़ जहन में रहते सुनो घर जल्दी आना
सागर 'अजनबी'
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जनता की आवाज़ सुनो
जनता है नाराज़ सुनो
कल तक जो ख़ामोश थी
चीख रही है आज सुनो
क्रान्ति की आगाज़ सुनो
गिरनेवाली गाज सुनो
सहा बहुत है अब तक हम ने
बदल रहा अंदाज सुनो
जनता का है राज सुनो
जनता ही सरताज़ सुनो
बने रहोगे कब तक बहरे
जनता की आवाज सुनो-
कहा किसी समझदार ने बहुत ही सोच कर
अरे मुर्ख ना कर इश्क़ इस नग़मे-ए-ज़माने में
बनाते है लोग यहाँ झूठे रिश्ते मतलब के लिए
जिंदगी है छोटी गुजर जाएगी झूठे रिश्ते निभाने में
🌹अजय🌹-
सुनो! चले आना,
जब रहे दिल जरा भी उदास।
सुनो! चले आना,
जब हो रही हो तुम्हे घबराहट।
सुनो! चले आना,
जब हो रही ही आँसुओ की बरसात।
सुनो! चले आना,
जब घुटने लगो तुम अंदर ही अंदर।
बिना देर किये बेवजह , बेझिझक , निसंकोच हो,
बस चले आना।
न देखना कि दिन है या रात
न सोचना कि कैसे हैं हालात
न झांकना तुम्हारे मेरे रिश्ते में पड़ी दरारों की खिड़की से,
बस चले आना!!!
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