है जो वो मेरी ,,,,
सुदंर
सजीली
सलौनी
सखी
है बड़ी चंचल,,,,
निराली
नख़रीली
नज़्म सी
हँसी ...
लिए है वो दिल
करूणा से
क़ायल
करती
मुझको
है सभी
की ख़ुशी
की
दुआओं से सजी .....!!!!-
सुने सुने इन दिल की गलियों में
आज भी किसीका का बसेरा है
निकल भी जा अब इस दिल से जालिम
अब इस दिल का ना कभी सवेरा है..
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चार पाच दिवस झाले,प्रयत्न करतोय,
पण काही सुचतच नाही.
वाढदिवसाच्या शुभेच्छा द्यायच्यात तिला
पण शब्दच मिळत नाही.
प्रेमाने वागते सर्वांशी, सर्वांशी आपुलकीने राहते.
दुखावत नाही मन कुणाचे,इतके छान नाते जपते.
नेहमीच मायाळू आई,
नि प्रेमळ सून म्हणून घरात शोभते.
मनमिळाऊ,अन्नपूर्णा,सर्वगुणसंपन्न
अशा अनेक टोपण नावाने प्रसिद्ध राहते.
करता कुणी स्तुती,मी कुठे काय करते,
मी तर फक्त कर्तव्य निभावते,असेही म्हणते.
अशा ह्या माझ्या सौभाग्यवतीला
तिच्या वाढदिवशी ह्या शुभेच्छा देतो,
लिहायचे होते खूप काही,ह्या वाढदिवशी तुझ्यासाठी,
पण विचारच थांबलेत,लेखणी ही अडकली,
म्हणे शब्द ही कमीच आहेत,
शुभेच्छा देण्या तुझ्यासाठी.
❣️happy birthday❣️बायको❣️-
तेरा एहसास रख लेंगे दिल में सम्भाल कर
यादों में अगर रोना आया तो यही तो साथ देगा
तेरे न होने पर
Sirf Tum-
वक़्त आ रहा नज़दीक है
ये गुलिस्तां खाली करने का
फूलों ने हम काँटों से बगावत कर दी है
Sirf Tum-
हमे लगा पता उनकी बातों से
हम दर्द दे बैठे उन्हें प्यार करते करते
इश्क़ को कर रहे है कुर्बान
तुझे परेशान करने का इरादा न था
Sirf Tum-
कितना है दर्द और कितना ज्यादा बाकी है सहना
सिर्फ तेरे सीने से लग कर भूल जाता हूं सब कुछ
दिल्लगी कहूँ या कहूँ तेरा प्यार
तुझे पाने के सिवा अब नही पाना और कुछ
Sirf Tum-
*संदली दोस्त*
धूपिया सफ़र में मीठा दरिया बनकर मत्तफ़िक़
कुछ चुनिंदा मित्र!
मेरे भीतर त’अज्जुब ख़ुशबू बनकर सुगंधित
जैसे हो संदली इत्र!
खुशियों का तहलका बनकर मौज से एकत्रित
जैसे हो लहराता समुद्र!
ज़र्रा तो नहीं खास ए मोहब्बत बनकर समन्वित!
जैसे हो किताबी जिल्द!
शुक्रगुजार ओ रब! क्या खूब बेशकीमती रत्न बनकर सम्मिलित!
जैसे हो मन्नतों की जन्नत!
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अगर टूट गयी साँसों की डोरी
तो दिल मे दर्द उन्हें भी होगा
काश की समझ कर मेरा दर्द
ले आये अपना भी दिल अपने पहलू में रख कर
Sirf Tum-