sarita rana   (#सरिta...)
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लिखना जीवन है , जीवन लिखना है ।
🎂....माघ मास की पूर्णिमा 🙃🙂😜
Joined 4 May 2018


लिखना जीवन है , जीवन लिखना है ।
🎂....माघ मास की पूर्णिमा 🙃🙂😜
Joined 4 May 2018
11 MAR AT 21:27

आहुतियां ही आहुतियां है
है कर्मश जिदंगी
अग्नि-कुंड मन मेरा ,
इच्छाएँ समिधा ही सही ।

हव्य बना दूँ ,आहुतियां
जल कर राख हो जाए काश
जीवन मेरा ,यादें तेरी
इच्छाएँ समिधा ही सही ।

तरूण पल्लव प्रेम प्रिय
निरा गिरा न उठ सका
सांस -सांस बोझल रही
तू करता जो है,वो ही सही ।

आराध्य सा प्रेम प्रिय
तू ना भी मिले तो ना सही
नाम जपती तेरा रही
इच्छाएं समिधा ही सही


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10 FEB AT 14:10

क्या-कुछ और भी टूटना है बाकि?
कि सब समेट लूं ?
जो बिखरा-बिखरा सा,लगाव बाकि
है कि है अधमरा सा

ये जो दर्द की सिरहन सहला रही है
सुलगा रही है ,
दर्द बन मंडरा रही है रुकेगा यही या
रहेगा अब भी अनकहा सा ।

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10 FEB AT 13:58

बडे सलीके से बनाई थी उसने
मूरत इक प्यार की,,
लेकिन
आखिरी छैनी, दिल पर मार दी,

ना टूटी ना साबुत ही बची,,
हसरत-ए यार की ।

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24 JAN AT 22:05

कि तेरे बस की बात नही समझना मुझको
कि मै तो, मेरी सुलझनो मे उलझ गई हूँ।

कि उलझ गई हूँ भावो मे मन के कि अब
क्या कहूं की मनके-मनके बिखर गई हूँ ।

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22 JAN AT 15:52

Tum athhah vyatha, tum satay sada ,
Dil peed peed rah jata hai
Tum bin dekho suna jivan
Reeta reeta rah jata h

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10 JAN AT 16:28

अवचेतन मन मे
चेतन से तुम

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6 DEC 2024 AT 21:32

चकोर ने कहा चाँद से ,मै तकती हूँ तुझे
क्या कभी फलक से,तू देखता है मुझे

मेरी तन्हाइयों से वाकिफ तू कतई नहीं
मै रात सी तन्हा ,संग तारों का तुझे ?

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28 NOV 2024 AT 16:00

है अक्स घायल तो हर शब्द घायल है
रक्त भर चली कलम है तो
लिख बैठा वो शख्स घायल है
नभ पर खिंच गई रेखा
धरा के कण-कण से लहू रिस उट्ठा है,
एक के दर्द मे समाहित हो
दूजे ने लिख डाला ये किस्सा है ।
नही गर साथ तो क्या ,मेरे रहबर
मै तेरा हिस्सा हूँ तू मेरा हिस्सा है ।

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25 NOV 2024 AT 21:48

मै अब सब धीरज खो बैठूॅगी
मेरा था जो मेरा है जो,
क्या मै सब अब खो बैठूॅगी
मै अब सब धीरज खो बैठूॅगी

तुम बिन मै जी पाऊं कैसे
साथ भी तेरे आऊं कैसे
भाग्य से क्या लड बैठूॅगी
मै अब सब धीरज खो बैठूॅगी

क्या राह तेरी भूला बैठूंगी
कि सब कुछ मै गवां बैठूंगी
या तुझसे कुछ कह पाऊंगी
तेरी और देख मै रो बैठूंगी
मै अब सब धीरज खो बैठूॅगी

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9 AUG 2024 AT 23:07

अवाख्य ,अस्फुट अन्तर्मन समाहित, रक्त से ,,मन से,रूह से समाहित मुझमे मौजूद,,,,,, तुम

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