दूरियां बढ़ रही हैं, हम परिवारों के दरमियान
इन फासलों को चल कर मिटाना मुमकिन नहीं
कीड़े लगे हैं पूरे वृक्ष के तने, पत्ते और पेड़ों पर
तो हरियाली की बातें भी सच नहीं लगतीं..-
https://youtube.com/c/FrustratedKavi
जो भी लिखता हूँ दि... read more
मेरी मूत निकल रही है, मेरी जान निकल रही है
भारत के सेना ऐसा ना करो, हमारी GF रही है..
हमने जो भी किया, वो हमारी गलती थी..
अब ऑपरेशन सिंदूर से पिछवाड़े से पॉटी निकल रही है....
इंडियंस आर्मी हमें माफ करिए....-
दरिंदो की ये बस्ती है, यहां ईमान बड़ी है सस्ती है
प्यार मोहब्बत रिश्ते नाते, यह कौड़ियों के भाव बिकती है..
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वर्षा की बूँदों सा मधुर है तुम्हारा साथ,
समीर की साँसों में बसी वो हर बात..
सात फेरों से शुरू हुई थी जो कहानी
देखो बन गई जीवन की सबसे प्यारी रवानी..
HAPPY WEDDING ANNIVERSARY ❣️-
अनीता की हँसी में चाँदनी की चमक
मिहिर की आँखों में गहराई की झलक..
दोनों का साथ जैसे सावन की बहार
संग चले जीवन भर जैसे नदिया की हो धार..
सूरज की किरणों सा उजला है प्यार
बरसे जो मन पर बन जाए श्रृंगार..
अनीता की बातें सुमधुर सा गीत
मिहिर का संग जैसे राग और प्रीत..
अनंत गगन में जैसे तारे की चमके
वैसे ही प्रेम का दीपक जलता रहे..
अनीता और मिहिर साथ यूँ ही रहे
सदियों तलक प्रेम गीत बजती रहे..-
अनीता की हँसी में चाँदनी की चमक
मिहिर की आँखों में गहराई की झलक..
दोनों का साथ जैसे सावन की बहार
संग चले जीवन भर जैसे नदिया की हो धार..
सूरज की किरणों सा उजला है प्यार
बरसे जो मन पर बन जाए श्रृंगार..
अनीता की बातें सुमधुर सा गीत
मिहिर का संग जैसे राग और प्रीत..
अनंत गगन में जैसे तारे की चमके
वैसे ही प्रेम का दीपक जलता रहे..
अनीता और मिहिर साथ यूँ ही रहे
सदियों तलक प्रेम गीत बजती रहे..-
तपा हूं सारी उम्र, घिसा हूं खुद को बहुत
तब जा कर आज ये ओहदा पाया हूं
उम्र के इस मोड पे अब ठहरना पड़ेगा
टूटे दिल से आज अलविदा कहने आया हूं...
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तपा हूं सारी उम्र, घिसा हूं खुद को बहुत
तब जा कर आज ये ओहदा पाया हूं
उम्र के इस मोड पे अब ठहरना पड़ेगा
टूटे दिल से आज अलविदा कहने आया हूं...
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मैं समझता रहा वो ना समझ बनी रही
मैं मानता रहा वो रूठ के बैठी रही
कहती है अब साथ रहना मुमकिन नहीं
अरे पगली हालात तो अब सुधरे हैं,
इतना दिन सही है कुछ दिन और सहीं...
Lots of love mere ghar ki Laxmi..-
कुछ किए बिना यूं अलविदा ना कहूंगा
नियति का दंश अब और ना सहूंगा
एक टीस रह रह कर ज़ख्म को कुरेत रही है
ऐ नाकामी रुक..अब मैं तेरा वंश डूबो कर रहूंगा।-