मेरे मन में तू ही है,जान ले ये साहिबा,
तेरे अलावा यहां सारे जहान को खबर है।-
राम प्यारा थारा दर्शन करातो जाइजे ,
बिळख रही थारी दासी अरज हूणजे,
थाने दया कोनी आवे रे साहेब ।
एक ळाळ चुनर थारे नाम री सांवरा ,
म्हारे ळिए तो आ नगरी अणजाण ,
थारे स्युं मोटु कुण रे साहेब ।
मैं तो थारे ही आसरे आई बाधिळा ,
म्हारे हिवडे री पीड़ किण ने बतावु,
थारे सिवा किन्ने जाणु साहेब ।
सुण कर म्हारे मनडे री पुकार राम,
बेगा आइजो म्हारे द्वार करूं मिनवार,
थारे सिवा उ'र कुण आसी साहेब ।-
साहेब..
तव स्मरणाने उजाळेल
रोज पहाट,
तुमच्या शब्दांनी विचार
होती घनदाट.
न पहावी लागेल
अंतर्मनी वाट,
पुन्हा होणे नाही असे
हिंदूह्रदयसम्राट.-
मोहब्बत को गुमनामी का नाम दो साहेब,
इन्हीं गुमनाम लोगों ने मोहब्बत से रूबरू कराया है...-
तुम्हें तो मौका चाहिए था
हमसे दूर जाने का,
वाह साहेब...
तुमने बहाना भी बनाया तो
हमारे ही रूठ जाने का..।-
हाँ, मैं इंसान हूँ,
गलतियों का पुलिंदा हूँ,साहेब,
उंगलियाँ आराम से उठाना,
थक जाओगें !!-
ज़िन्दगी के पन्ने ज़रा बन्द,
करके देखिये साहेब,
लोगो की दिलचस्पी कुछ बढ़ सी जाती है।-
ताउम्र यही चाहत रही,
कि हम आपके ही रहे साहेब,
बताईए क्या इतनी सी ख्वाइश ,
आप पूरी करोगे साहेब!!-