वो कह कर गयी थी मैं लौटकर आउंगी
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता
वो झूठ भी बोल रही थी बड़े सलीके से
मैं एतबार ना करता तो क्या क्या करता-
अगर सलीके से तोड़ते तुम दिल मेरा
मेरे लिए भी अच्छा होता
भले प्यार न रहता इस दिल में
पर कोई शिकवा भी न होता।-
कारीगरी खुदा ने,
बहुत खूब बख्शी है,
सलीके से कत्ल करते हैं,
वो लब्जों के तीर से ।-
🇭 🇪 🇦 🇷 🇹
🇹 🇪 🇦 🇨 🇭 🇮 🇳 🇬
उस बेवफ़ा को न प्यार निभाना आया,
दिल की दौलत को यूं ही लुटाना आया,
वो मिल रहा था गैरों से बड़े सलीके से,
मेरी मय्यत पे भी मुझको जलाने आया।-
गैरों का भी मैंने बहुत ख्याल रखा है
उनके के ही मुताबिक खुद को ढाल रखा है
खुद बिखरा हुआ हूं मैं जर्रे की तरह
पर हर रिश्ते को सलीके से संभाल रखा है-
वो हमें
अपने सलीके से
ढालना चाहते हैं
इसलिए हम उन्हें चुभते बहुत हैं
हम जैसे भी हैं
अपने लिए सही हैं
आप भी एडजस्ट करिए
तो हम भी सही है
बदलाव चाहते हैं
आप हमारे में
खुद तो बदलिए
तब जानोगे कि हम सही हैं
कब तक ढलेंगे
हम दूसरों के सलीके
कोई और भी तो
चले इस सलीके
बदले नहीं हम
तो हम बुरे हैं
बुरे ही सही लेकिन
हम ही सही हैं
- रवि एस.
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जिंदगी के सलीके ने
सब कुछ बिगाड़ रखा है
यहां कुछ भी अपना नही
सब कुछ उधार रखा है-
सवाल यह नहीं है कि कौन कितना तेज चलता है,
सवाल यह है कि कौन कितने सलीके से चलता है।-
ठहर जाती है नैनो नक्श में लहज़े-सलीके में
कभी माँ छोड़कर औलाद को तन्हा नहीं जाती-