वो जो अपना था अब और किसी का क्यूं है??? -
वो जो अपना था अब और किसी का क्यूं है???
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आओ गले लग जाओ...ये सुनना ही कितना बड़ा सुकून है -
आओ गले लग जाओ...ये सुनना ही कितना बड़ा सुकून है
कभी तो उससे वफ़ा करूं मैउसकी नज़रों में बसा करूं मैऐसा हसीन नशा किया जोउसमें आखिर जिया करूं मैनज़रों में बसाकर तुझको दिल में तेरे रहा करूं मैदेखा तुझे खुदा को देखासजदा तेरा करा करूं मैमगर तुने उतारा नज़रों सेवफ़ा से क्या दगा किया मैतेरा था 'रवि' तेरा रहेगाखुद में तुझको भरा करूं मै रवि एस. -
कभी तो उससे वफ़ा करूं मैउसकी नज़रों में बसा करूं मैऐसा हसीन नशा किया जोउसमें आखिर जिया करूं मैनज़रों में बसाकर तुझको दिल में तेरे रहा करूं मैदेखा तुझे खुदा को देखासजदा तेरा करा करूं मैमगर तुने उतारा नज़रों सेवफ़ा से क्या दगा किया मैतेरा था 'रवि' तेरा रहेगाखुद में तुझको भरा करूं मै रवि एस.
अब नहीं गुजर रही है ये रातेंमेरी चाह है कि रवि मुझे अपने साथ डूबा ले -
अब नहीं गुजर रही है ये रातेंमेरी चाह है कि रवि मुझे अपने साथ डूबा ले
जिस तरह से चांद कोअपने आगोश में जकड़ लिए है, ये बादल ठीक उसी तरह से, वो मुझेअपने यादों के आगोश में ,जकड़ ली है -
जिस तरह से चांद कोअपने आगोश में जकड़ लिए है, ये बादल ठीक उसी तरह से, वो मुझेअपने यादों के आगोश में ,जकड़ ली है
एक उलझा हुआ किरदार हूं मैंलोग कहते हैं समझदार हूं मैंखुद की तलाश में खोया हूं मैंना जाने किसका तलबगार हूं मैं -
एक उलझा हुआ किरदार हूं मैंलोग कहते हैं समझदार हूं मैंखुद की तलाश में खोया हूं मैंना जाने किसका तलबगार हूं मैं
चुभन क्या होती है बताऊं कैसेदर्द आंखों से जुबां पर लाऊं कैसे -
चुभन क्या होती है बताऊं कैसेदर्द आंखों से जुबां पर लाऊं कैसे
जिसके हर उकत का अहसास होता हैनाराजगी उसी से होती है जो खास होता है -
जिसके हर उकत का अहसास होता हैनाराजगी उसी से होती है जो खास होता है
देखें बहुत दिन बाद उसेलेकिन नहीं भरा मेरा दिलभरी तो केवल मेरी आंखों में आंसू के बूंदमगर बावली वो नहीं समझीकर ली मुझसे बैरहम तो अब आंसू ही लिए रह गये केवल मौन _ रवि एस. -
देखें बहुत दिन बाद उसेलेकिन नहीं भरा मेरा दिलभरी तो केवल मेरी आंखों में आंसू के बूंदमगर बावली वो नहीं समझीकर ली मुझसे बैरहम तो अब आंसू ही लिए रह गये केवल मौन _ रवि एस.
दिल की पगडंडियों में आखिर कब तलक फिरता बेचाराअब खुले गगन में भ्रमण आजाद इश्क तुम्हारा -
दिल की पगडंडियों में आखिर कब तलक फिरता बेचाराअब खुले गगन में भ्रमण आजाद इश्क तुम्हारा