कौन आया है यहां, कोई न आया होगा
मेरा दरवाजा हवाओं ने हिलाया होगा-
रवि एस.
(रवि एस.)
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लिखते नहीं है लेकिन कुछ शब्दों को सजो देने का हुनर रखते हैं
Joined 4 August 2021
27 JAN AT 23:47
बहुत मुश्किल हो गया है खुद को सँभाले रखना
मगर वो कह कर गई है अपना ख्याल रखना-
19 JAN AT 12:34
लिखूंगा एक दिन तुम्हारे लिए
अनगिनत शब्द की उपमाएं
तुम खुली जुल्फों को
कान की बाली से ऊपर रखना-
18 JAN AT 10:45
केवल आपके प्रेम लुटाने से कुछ नहीं होगा
सामने वाला इश्क का तलबगार भी होना चाहिए-
16 JAN AT 10:39
हमारे इंतजार पर कुछ यूं विराम हो जाए,
जो तुम आओ कुंभ सी तो हम प्रयागराज हो जाएं..!-
14 NOV 2024 AT 9:46
लौटाने तो गया मै उसके कानों का झुमका
उसके नाक की नथूनी देख फिर से बहक गया-