हर किस्सा हर कहानी बदनाम है।
मोहब्बत का चर्चा आजकल सरेआम है।
कुछ हैं ख़ास, फिर भी आम हैं।
एक दूसरे के नज़रों में, लगते दोनों बदनाम हैं।
नाम की है वाह- वाही बस,
और अधूरा सा हर काम है।
गलती है किसी और की,
और लगता किसी और पर इंजाम है।
बड़ा सब्र रख पढ़ रहें हैं जिस खत को,
कौन जाने ये किसका पैगाम है?
मुनासिब नहीं की हर बात समझी जाए।
हर कहानी को गढ़ना बड़ा तसल्ली का काम है।
हर किस्सा हर कहानी बदनाम है।
मोहब्बत का चर्चा आजकल सरेआम है।...
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