ऐ अब्र ए क़रम कर दे रहम,
मेरा मेहबूब मेरे पास नहीं,-
शोक बड़ी चीज है
🏃🏃RUNNER🏃🏃
100m (12 second) record.
21 Km (Half Marat... read more
दौर ए बुजदिली में क्या क्या नहीं देखा,
आवाज़ ए हक़ का दम यूं घुटते देखा,
बेबस घुंघरुओं की झंकार पे सब झूम उठे,
सियासी तवायफों का वो नंगा नाच देखा,-
उसे कैसे बतलाऊं शिर्क़ क्या है,
जो डूब कर इश्क़ ए माशूक़ में,
ख़ुद ख़ुदा ख़ुदी को भुला बैठा है,-
जाने किस जुस्तजु ए मंजिल में,
मुब्तला है मेरा दिल,
न तो इसे इश्क़ होता है न दर्द,-
दो नयनों के मिलन से,
इक ऐसा संगम बनता है,
हां! ये नज़ारा भी हमने,
कत्थई आंखों से देखा है,-
मां बाप की मोहब्बत को रुसवा वही करते हैं,
जो हवस की सुर्ख़ी को मोहब्बत समझते हैं,-
नयनों में बसता है नो,
पाज़ेब में खनकता पांच,
दिलों को अब हो जाने दो,
ऐसी अदाएं है तेरी आठ,
हां फिर से कहता हूं आठ,
देख कर हो गए ज़ीरो,
आप है फ़क़्त नंबर एक,
हां आप ही है नंबर एक,
होने दो नैनों को चार,
अरे अब तो कुछ कह दो,-