मुल्क ए मदारी में अज़ब तमाशा देखा,
मसाजिद के आगे रक़्क़ासो का मुजरा देखा,-
शोक बड़ी चीज है
🏃🏃RUNNER🏃🏃
100m (12 second) record.
21 Km (Half Marat... read more
उसे कैसे बतलाऊं शिर्क़ क्या है,
जो डूब कर इश्क़ ए माशूक़ में,
ख़ुद ख़ुदा ख़ुदी को भुला बैठा है,-
जाने किस जुस्तजु ए मंजिल में,
मुब्तला है मेरा दिल,
न तो इसे इश्क़ होता है न दर्द,-
दो नयनों के मिलन से,
इक ऐसा संगम बनता है,
हां! ये नज़ारा भी हमने,
कत्थई आंखों से देखा है,-
मां बाप की मोहब्बत को रुसवा वही करते हैं,
जो हवस की सुर्ख़ी को मोहब्बत समझते हैं,-
नयनों में बसता है नो,
पाज़ेब में खनकता पांच,
दिलों को अब हो जाने दो,
ऐसी अदाएं है तेरी आठ,
हां फिर से कहता हूं आठ,
देख कर हो गए ज़ीरो,
आप है फ़क़्त नंबर एक,
हां आप ही है नंबर एक,
होने दो नैनों को चार,
अरे अब तो कुछ कह दो,-
जिस तरह फूलों से फिसली है शबनम,
ऐसे आंखों से लबों पर उतरने लगे हम,
उनकी मुस्कुराहट ने गुलों को ज़ान बख़्शी,
देख! तेरे रुखसार पर मचलने लगे हम,
हवा के झोंके ने भी क्या रहम किया,
ठंडी ज़ुल्फ़ों में ऐसे उलझने लगे हम,
इस क़दर वो हमीं में सिमटने लगे,
रफ़्ता रफ़्ता ख़ुदी में खुलने लगे हम,
उनकी आग़ोश का मंज़र क्या कहिए,
उन्हीं की ख़ुशबू से महकने लगे हम,-