प्रेम पत्थर दिल को...
नाज़ुक दिल में बदल सकता हैं.....
..और.....
सहयोग दर्द को.....।।।
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ज़िन्दगी में सब कुछ
खत्म होने का बाद भी
नया ज़िन्दगी
सुरु किया जा सकता है-
इश्क की दुनिया है साहेब
यहाँ कुछ भी हो सकता है
दिल मिल भी सकता है
औऱ खो भी सकता है
जिसे तुम चाहते हो,
किसी और का भी हो सकता है!
तुम समझो इबादत,
वो गुनाह भी हो सकता है!!
अपना समझो जिसे,
वो सपना भी हो सकता है...!
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सजाता है जो रातों को,
सितारा टूट सकता है..!
जो लहरों से बचाता है,
किनारा छूट सकता है..!
भरोसा जिस पे होता है,
तुम्हें वो लूट सकता है..!
भरा जो पाप से मुंह तक,
घड़ा वो फूट सकता है..!
सिद्धार्थ मिश्र-
माना मैनें सब को ख़ुश नहीं किया जा सकता है ॥
सब के लिए सब नही किया जा सकता है ,
सब के लिए सब कुछ नही बन सकते हैं ,
पर किसी एक के लिए तो सब कुछ बना जा सकता है
किसी एक के ख़ुशी का कारण तो बना जा सकता है।।
हर कोई को साथ लेकर तो चला नहीं जा सकता है, लेकिन किसी एक का साथी बनकर ज़िन्दग़ी की
मुश्किलों से लड़ के जीता तो जा सकता है ॥
हाँ, माना मैने सबके चहरे में खुशी ला नहीं सकते हैं
पर किसी खास के चेहरे में रौनक लाने के लिए वजह बना तो जा सकता है,
किसी एक के लिए खास तो बना जा सकता हैं ॥
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#_ख़ामोशी 🤫 मेरा 👤 मिज़ाज भी ❤ तो हो ☝ #सकता_है 🤷♂️
#_तुम ने 👥 क्यूँ समझ 🤔 लिया मेरा 😎 #ग़ुरूर_इसे 😔
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क्या ख़ूब मोल लगाया है
इंसान ने इंसानियत को बंजर जमीन पर दफनाया है
सबको खुल कर यही बतलाया है
पैसा का भार इंसानियत से कहीं ऊंचा लगाया है
इंसान तो बस मिट्टी का पुतला है
असली मोल तो गुलाबी कागज का टुकड़ा है
क्या? खून बह रहा हैं, तो बहनें दो
पैसा हैं ना, सब खरीद सकता हैं
क्या? जान का खतरा है, तो होने दो
पैसा हैं ना, ओर जानें ले आयेंगे
क्या? सरकार कुछ कर नही रही, तो मत करने दो
पैसा हैं ना, नई ले आयेंगे
क्या? भूख से लोग मर रहे हैं, तो क्या हुआ
पैसा हैं ना , 100 लोगो का लंगर लगा देंगे
क्या? लाशों का ढेर लगा है, तो क्या हुआ
पैसा हैं ना, लकड़ियो को आग लगा देंगे
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एक छोटी सी कोशिश और
आप कहां से कहां पहुंचा सकती
मेहनत लगन यही दो ऐसी चीज है
जिसे करने पर आप कहीं से भी
कहीं पहुंच सकते हैं...!!!-
हो सकता कि आपने झेला हो।
हो सकता उन्हें ही प्यार न हो
हो सकता वो छल की बेला हो
हो सकता वो अब पास न हो
हो सकता तो तेरे साथ न हो
हो सकता कि तेरे दिल में कभी
उसके जिस्म की प्यास न हो
हो सकता कि उसके दिल की सारंगी पर
तेरा कोई नाम न हो
हो सकता कि व्यर्थ ही सोचे तू
उसको तेरे अरमान न हो
हो सकता कि उसके जीवन में
तू कस्तूरी समान न हो
हो सकता कि हर आशिक़ कि तरह
तेरा भी सम्मान न हो
हो सकता कि आपने झेला हो।-