रोता वही है जिसने महसूस किया हो सच्चे रिश्ते को,
वरना मतलब का रिश्ता रखने वालों की आंखों में
न शर्म होती है, और न पानी।-
ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर,
वो ज़िद्द कर के बोले… 'फिर से सुनाओ'….....!!-
Tum Kuchh Kaho Ya Na Kaho
Lekin Tumhari yah Khamoshi
Bahut Kuchh kah Jaati Hai...-
मेरी मंजिल की राह में कांटे बसेरा बनाए बैठे हैं,
उनको खबर तक नहीं कि हमारा मिजाज आसमानी है...!-
"आप में वो सब कुछ है जो आप को आप बनाते है, तो खुद पर भरोसा करें और आगे बढ़ते रहें II "
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वस्त्र तो दोनो ने त्यागे थे, सिर्फ स्त्री ही वैश्या क्यों कहलाई...!
कड़वा है लेकिन सत्य है...-
जवान लड़का घर नहीं रे सकता
जवान लड़की बाहर नहीं रह सकती
कही हमारा समाज बुढ़ा तो नहीं हो गया।
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पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।-
मन नही करता
कभी नींद आती थी..
आज सोने को “मन” नही करता,
कभी छोटी सी बात पर आंसू बह जाते थे..
आज रोने तक का “मन” नही करता,
जी करता था लूटा दूं खुद को या लुटजाऊ खुद पे
आज तो खोने को भी “मन” नही करता,
पहले शब्द कम पड़ जाते थे बोलने को..
लेकिन आज मुह खोलने को “मन” नही करता,
कभी कड़वी याद मीठे सच याद आते हैं..
आज सोचने तक को “मन” नही करता,
मैं कैसा था? और कैसा हो गया हूं
लेकिन आज तो यह भी सोचने को “मन” नही करता।-
*🖤🍁🖤*
*वक्त से बढ़कर शिक्षा देने वाला*
*आज तक कोई गुरु नहीं हुआ,*
*और*
*विपत्ति से बढ़कर*
*अनुभव देने वाला आज तक*
*कोई विद्यालय नहीं खुला*
*🖤🍁शुभरात्री🍁🖤*
*🖤Take care🖤*
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