कितनी ही कोशिश कर लू मै
चीज़ों को, रिश्तों को और situation को
संजो कर रखने की
लेकिन कुछ ना कुछ पीछे छूट ही जाता है
वो जो पहला कतरा आसू का
आखों के किनारे बहने से रोका हुआ है
वो नकली मुस्कुराहट के पीछे बह ही जाता है
बस थक गई हु मंजिल के इंतजार मे
अब जो है उसका तुक भी समझ नही आता है
काश कोई तो होता जो समझ पता ये हाल ए दिल
इतनी भीड़ मे भी , कोई अपना नजर नही आता है
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एक जगह रुक कर सांस लेना भी जरूरी है
उस लम्हे को आखों में कैद करना भी जरूरी है
हर सफर मे रफ्तार हो ये ज़रूरी नहीं
लेकिन हर मंजिल को पाने का सफर खूबसूरत जरूर होना चाहिए-
लोग कहते हैं इश्क एक बीमारी है
इस मे चोट साला मैने भी खाई हैं
क्या तेरे पास यारा इस गम की कोई दवाई है
रोज़ तेरे online होने की आदत तुम्हे ही लगाई है
अब तू तो चला गया है जिंदगी से मेरी
तेरी लगाई आदत से क्या कोई रिहाई है-
कुछ राते बिना सोए निकली
कुछ अल्फाज़ सीने से आर पार हो गए
कुछ दिन गहरी सोच मे निकले
कुछ लोग सोच से भी छोटे निकले
फिर भी हम मुस्कुराते जा रहें हैं
हर रोज़ नई सुबह के साथ,
नई उम्मीद मे गुनगुना रहे है
Reel aur Real का फासला
रोज़ भूलते जा रहें हैं-
माना मुंह में बिना हड्डी की जुबान हैं
लेकिन उससे जुबान ही रहने दो
तेज छूरियो का काम चाकू को करने दो-
आज कुछ गजब सा हुआ
चांद का मिलना सूरज से हुआ
इनका साथ रहना कभी मुम्किन ना हुआ
लेकिन जब भी हुआ,
बाज़ार में इनके मिलने का चर्चा सरेआम हुआ-
कुछ चाहते अधूरी रह गई
तेरे साथ बितानी थीं ये जिंदगी
अब ये किसी और की कर्ज़दार हो गई
कुछ चाहते अधूरी रह गई
तेरा हाथ पकड़ कर कुछ और दूर चलना था
वो मजील भी रुसवा हो गई
कुछ चाहते अधूरी रह गई
रोज़ सुबह तेरी बाहों से उठ कर जगना था
ये फरयाद भी अनसुनी हो गई
कुछ चाहते अधूरी रह गई
तुझसे मिलने का सिलसिला चलता रहना था
वो दुआ भी खारिज हो गई
क्या करे जिंदगानी हमारी महरूम हो गई
कुछ चाहते अधूरी सी हो गई-
Your heart is just like a chocolate
Sweet and melt as it get heat of love — % &-
मेरे अल्फाज़ कुछ यूं अश्कों में बहे
के अब लफ्जों का इस्तेमाल बेवजह सा लगता हैं-