हर शख़्श, हर एक शख़्स के बारे में पूछ रहा है
अपनी राय बनाने को, औरों से पूछ रहा है,
मेरे मसले में तुम ये गलती ना कर बैठना
कोई मुझे मस्ज़िद में ढूंढ रहा है
कोई मुझे मैख़ानों में पूछ रहा है,
और मैं तुम्हे मिलूंगा वहां,
जहाँ "मैं" ख़त्म हो जाऊंगा
किसी ग़ैर का पता कोई मुझ से क्यों पूछ रहा है..
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