QUOTES ON #श्री

#श्री quotes

Trending | Latest
20 MAY 2020 AT 16:54

राहों पर गोपियां धर लेती मोहे
अक्सर नेनों की डोर से बांधे है।

कभी छेड़ती ,मुस्काती हुई ,
हस कर लिपट जाती मेरे कांधे है।

मगर इतना याद रहे, परिणय सुत्र में भी
बंध जाऊ मैं चाहे लाख हजारों से,

में सदा रहूंगा तेरा श्याम, और मेरे
हदय में केवल और केवल राधे है।।




-


31 DEC 2021 AT 10:07

किया करते हो तुम दिन रात क्यों
बिन बात की चिंता
तेरे स्वामी को रहती है,
तेरे हर बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता
शरण में रख दिया जब माथ
तो किस बात की चिंता

-


18 AUG 2020 AT 18:58

दुनिया गोरे होने के नशे में चूर है,,
मेरे कान्हा जी तो,
सांवले होकर भी मशहूर हैं
जय श्री कृष्ण❣️

-


6 AUG 2020 AT 0:56

श्री कृष्ण का जन्म
🌹🌹🌹🌹🌹
( READ CAPTION )

-


6 AUG 2020 AT 0:38

आप लोग जानते है भगवान श्री कृष्ण ने अपनी शिक्षा कहा पर प्राप्त की??

( READ CAPTION )

-


5 MAR 2020 AT 12:27

श्रीकृष्ण से कह देना तुम्हारी याद आती है।
दिनरात जपते है नाम फिर भी प्यास न बुझती है।

जिंदगी की मायाजाल ने आज हमे फिर हरा दिया है।
मैं लौटना चाहता हूं तुम्हरे धाम जीवन ने हमे उलझा दिया है।

अपने प्रेम में डूबा दो मुझे फिर कोई बंधन न बाँध पायेगा।
मेरी जिंदगी खुद बदल जाएगी ,फिर कभी न मृत्यु लोक लौट पाऊँगा।

-


21 MAR 2020 AT 20:55

नशे में क्यो महाकाल को बदनाम करते हो।
भाग खुद पीते हो प्रसाद महाकाल का कहते हो।
इतने ही बड़े भक्त हो हमारे बाबा बर्फ़ानी के..
तो क्यो नही जप तप और योग के सिंघासन में सवार होते हो।

-


5 APR 2020 AT 14:10








"माँ"








-



हर वो सांस जिसका होना सिर्फ शिव.हर वो शब्दाक्षरातितब्रह्म जो मध्यस्थ से उठता है.हर वो सप्त स्वरादि..मूलत:दशम् श्रुतिओ की गूंज जिसका होना सिर्फ भ्रम..मगर वास्तव अलग!सांससितार में बजती शिवरंजनी का 'साम' सिर्फ शिव!न स्व के लिए..न अनेकानेक के लिए..वो ही स्व में..वो ही सर्व में..वो ही कला..कलाकार भी..कलामय..कलात्मक भी एक!महालास्यमाधिपति एक वो ही नर्तक-नृत्य-नृत्य में बसा अलिप्त महानृत्य भी!सांस बसे वो शांभवीरूपम्!हिरदय-हिरदय अट्टहास्यम् भी वो!थै थै कार महाकारकारम् वो.!जब थिरके तो "मैं"साक्ष्य..!धरे महामुद्रारूपस्वरूपअभयम् तब भी साक्षस्त्रष्ट्रा भी वो..मिटना भी वो.. होना भी वो..ना होने में हर रंग बैरागी भी वो... और मैं भी सिर्फ "वो"-न दूजा..न बात दूजी..दूजा हो वो महासंयोग दूजा..अस्तित्व मिले वो भी दूजा.. सिर्फ "एक"-फिर मिले वो बिलग..वो सर्व व्यर्थम्...एक ही..एक में ही..एक से ही..एक तक..अंतत:एक समाहितम्...और... फिर... नेति नेति..अथ-इति..और महामिलन की बेला वो महामंगलातित...फिर मैं भी..वो..वो..वो.. एकमभाव एकाकारम् ...........

-


12 AUG 2020 AT 18:18

कृष्ण पर बलिहारी जाऊँ
नित नित उनसे प्रीत लगाऊँ
ऐसे मोर मुकुट बंशीधर
के चरणों में शीश नवाऊँ।।

-