ßharat🇮🇳   (Bharat)
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Joined 2 April 2019


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26 DEC 2021 AT 9:19

Merry christmas dosto 😁😬❤️🤣

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22 DEC 2021 AT 23:59


चांदनी से चहुँओर चमत्कृत कुछ पावन
बिन गाये ही जो गुंजायमान मन
कंचन से दो देदीप्यमान लोचन
खुल गए हों जैसे कपाट स्वर्ग के
दूर हुए सब अंधियारे मोहित, मुदित, मादक मन


कुछ ऐसा दृश्य हुआ होगा
जब श्वेता तुम्हरा जन्म हुआ होगा...

थोड़ा देर से ही सही पर ....wish kar hi diya
Happy wala birthday day...🎉


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14 NOV 2021 AT 13:44

तोड़ लूँ सारी दुनिया से नाता
खुद ही तक सीमित और एकांत हो जाऊँ,
कोशिश मत करो मुझे इतना शांत करने की
कि मैं हार मानकर सुशांत हो जाऊँ...!





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2 OCT 2021 AT 10:44

क्यों कहती हो लिखने को,
पढ़ लो आँखों में सहृदय...

मेरी सब मौन व्यथाएँ,
मेरी पीड़ा का परिचय....।





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10 SEP 2021 AT 10:18

तरणि तट पर बैठ, मेरा हृदय विकल
आहत होकर जग से चुरा नयन सजल
धीरज धारे देख रहा, शून्य में अविचल
हे विघ्नहरता, हर लो शोक, कर दो मन निर्मल।।

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6 SEP 2021 AT 22:41

कैसे कोई जिएगा यूँ ही भला,
जिंदगी में जब कोई हादसा ही नहीं|
मैं बड़ा ही खुश- नसीब हूँ,
मुझे दर्द से कभी निजात ही नहीं||
दोस्तों से तो हारा जिन्दगी भर,
मगर हार में भी मेरी मात नहीं|
कत्ल होता है रोज ही दिल ये मेरा,
कैसे कह दूं कि यह कोई वारदात नहीं.....









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6 SEP 2021 AT 22:32

अजब थी वो पहली मुलाकात,
जिनका आँखें ख्वाब बुनती रही ।
बस खामोशियों ने बाते की,
और खामोशियाँ सुनती रही ।।








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20 AUG 2021 AT 23:00

मैं मगरूर ना हो जाऊँ ,
गर शोहरत साथ चलने लगे,
मतलब के रिश्ते खुद ही चले आयेंगे
गर मेरे हालात बदलने लगे,
हमें भुलाना मुमकिन नहीं होगा,
हकीकत कह भी दूं तो यकीन नहीं होगा,
वो रात तेरे शहर में गुजरी है समझ लेना,
जिस रात तुम्हारा दिल मचलने लगे,
मैं मगरूर ना हो जाऊँ ,
गर शोहरत साथ चलने लगे।।





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19 AUG 2021 AT 21:51

बाकी चीजें भूल गया सब,
घर का आँगन याद रहा ।
सिर पर पगड़ी छत का छप्पर,
माँ का दामन याद रहा ।
वैसे तो भीगा हूँ कितनी बार,
मैं अनगिन बरसातों में ,
तेरे साथ गुजारा लेकिन ,
पहला सावन याद रहा ।

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18 AUG 2021 AT 22:00

तुम्हारी याद धूमिल सी संध्या के उस छोर तक,
कोयल की हूक सी और पपीहे के उस शोर तक।
बस इतनी ही आती हर रोज तुम्हारी याद,
तुमसे शुरू होके बांधी हूं उस डोर तक।...🤗

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