QUOTES ON #शोर

#शोर quotes

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9 APR 2021 AT 8:55

मैं मौन हो रहा हूँ और वो शोर कर रही है
पलकों की उठा-पटक घनघोर कर रही है

सो गया है बीच में जहां ये सारा का सारा
नशीली आँखें कुछ ऐसा ज़ोर कर रही हैं

क्या मजाल झपक लूँ एक पलक तनिक
शून्य सा सुन्न मुझे वो पुरज़ोर कर रही है

गहराइयों में डूबने को आतुर तो हूँ मग़र
आँखें उसके चंद्रबिंदु पर ग़ौर कर रही हैं

बारिश बह रही है और हवा बरस रही है
मदहोशी असर उसकी हरओर कर रही है

भूलभुलैया भी है और है नयनाभिराम वो
आँखों आँखों में रात को भोर कर रही है

'बवाल' हो तो हो, अब किसे फ़िकर यहाँ
मैं मौन हो रहा हूँ और वो शोर कर रही है

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18 APR 2019 AT 10:31

सत्य का सामना कीजिये
इस झूठ की दुनिया में ईश्वर सत्य है
बाकी सब झूठ......
सत्य के पक्ष में हमेशा रहिये...

सत्य का दामन कभी मत छोड़िये
संसार में अपनी मान प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए न जाने कितने लोग झूठ बोलते है...
पर सच के अपने रास्ते है बाहर आने के इसलिए सच को झूठ के पैमाने में कभी मत तोलिए...

चाहे लाख कठिनाइयां आये रास्ते में
डट कर मुकाबला कीजिये....
सत्य कर देता है बुलंद हौसलों को
ना जाने कितना फरेब है जमाने में

मत डरिये संघर्ष करने से सत्य का रास्ता
ही ले जाएगा सफलता की ओर....
नकारात्मकता लाख खींचे चाहे अपनी ओर...
सफलता की रोशनी मचा देगी संसार में शोर......


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11 JUN 2020 AT 21:49

आहट न हो दस्तक पे, ये वो दौर तो नहीं है।
घर किया तुम्हारे दिल में, कोई चोर तो नहीं है।

जमानें की साजिशें हैं, इसे यूँ तोड़ने की
प्यार की डोर, इतनी कमज़ोर तो नहीं है।

मर मिटा है कोई, तुम्हारी इन अदाओं पे
मुहल्ले में उड़ा, ऐसा कोई शोर तो नहीं है।

मेरी नाव की पतवार है, अब तेरे ही हाथों में
रोक दी कश्ती, इधर कोई छोर तो नहीं है।

दरकिनार करने लगे हो, मुझे खुद से "नवनीत"
"हमारे दरमियाँ", कहीं कोई और तो नहीं है।

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28 JAN 2018 AT 12:57

शायद शोर भी कुछ मेरी ही तरह खामोश था तब

टूटा भी मैं, बिखरा भी मैं
पर किसी को कुछ
कानों-कान खबर नहीं


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26 MAR 2020 AT 7:26

तूफ़ान तो आना है, आ कर चले जाना है
बादल है ये कुछ पल का, छा कर ढल जाना है
परछईयाँ रह जाती, रह जाती निशानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है

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13 SEP 2019 AT 1:11

तेरी ख़ामोशी में इक अजीब सा शोर हैं
तेरी निगाहों में शब्दों से ज़्यादा ज़ोर हैं

चंद दिनों पहले ही बाँधी हमने इश्के-दी-डोर हैं
ना लो यूं इम्तिहान फ़िलहाल वो थोड़ी कमज़ोर हैं

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17 JUL 2020 AT 18:34

मंज़िल की ओर बढ़ते हुए ये कदम,
ना जाने क्यों अब पीछे भाग रहे हैं।
पहले तूफानों के शोर से डरे नहीं,
अब बहती हवा के मौन से कांप रहे हैं।

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18 AUG 2020 AT 9:34

न कोई नज़्म, न कोई गज़ल लिखूंगी,
निगाहों में कैद तेरी मुस्कुराहट लिखूंगी।

अल्फ़ाजों को तो समझ लेगा ये ज़माना,
तेरे लिए पहनी चूड़ियों की खनक लिखूंगी।

शोर भी सुन के सबने अनसुना कर दिया,
जो तुमने समझी, मैं वो खामोशी लिखूंगी।

अरसा हो गया हमारे नैनों को टकराए हुए,
झरोखों से झांकती आंखों का इंतजार लिखूंगी।



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15 MAY 2019 AT 8:59


शोर भरी धुन से भाग जाया करती थी जो,
नन्हा कमरा विराने के गीत सुनाता है उसको ।

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8 APR 2019 AT 22:00

काश एक ऐसा बाज़ार हो
जहाँ लफ़्ज़ों का हो शोर
और ढूंढ़नी मुझे
तुम्हारी आवाज़ हो

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