सौम्य शिव है, सत्य भी शिव है
सुंदर, सरल, सलोने शिव है
सोम को सिर पर धारण करते
सोमनाथ शिव, सोमेश्वर शिव है
सोमवार दिन भोले नाथ का
सोम में ओम् का सार भी शिव है
शिव ही देते आरोग्य जीवन
सोमरस का आधार भी शिव है
शिव को भज ले, शिव को ध्या ले
कण-कण में, इस संसार में शिव है
गूंज उठी, हर-हर बम भोले
घर-घर के हर किरदार में शिव है
श्रावण आया, शिवमय हुई प्रकृति
जग के हर आकार-निराकार में शिव है
शिवा के संग समाहित,
शिव मेरे भोले भाले
हर जन खुशी मनाते,
हर दिन हर त्योहार में शिव है-
मेरे सभी भाइयों को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनायें
हे! कृष्ण मेरे भाइयों की सदा रक्षा करना 😊-
आकांक्षाओं की पूर्ति में
होता क्यों मर्यादाओं का हनन
सन्नाटे में गुम है चीख और
मौन का गुरुत्वाकर्षण रहता गहन
कल्पनाओं की धुंध खोजती सवेरे
सूर्य की शक्ति से होता धरा का सृजन
घनत्व से शांत एक क्षण भी नहीं
और प्रयास में छूटता है मनन
समस्याओं को हल करने में
करता तू सदेव अधिकारों का दमन
'विवेक सुखीजा'-
शुक्राना करना है तेरा या-रब
बस यूं ही.... बस ऐसे ही
मेरे साथ तुम रहना हर वक़्त
बस यूं ही.... बस ऐसे ही-
जानते हो कि बिखर चुकी हूँ मैं,
संभाल लोगे आप, ये खबर है मुझे।
चाहे कुछ भी हो, मेरे महादेव साथ हैं,
बस इसी बात का सबर है मुझे।।
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लिख देते हैं पागलपन से, फिर भी कहते हैं लोग तुझसे लिखा कैसे जाता है
लोगों को पसंद होंगे खेल कई, हमें तो मगर शब्दों से खेलना भाता है
हमारी तो ये जिंदगी भी कम नहीं, इसको मजा सिर्फ हमें सताने में आता है
हम भी मगर पीछे नहीं हटते, हारकर जीतना, जीतकर हारना जो हमें सुहाता है
खुद से पहले करे जो फिक्र किसीकी, हमारी नजर में इंसान वही कहलाता है
लुटाते रहते हैं खुशियाँ भी औरों पर, तब जाके ये दिल सुकून को पाता है
दुख-दर्द, उल्फत-मोहब्बत, गम-वफ़ा सबका सबसे बड़ा ही गहरा नाता है
बस, वो तेरा शिवा ही है 'अक्षु', रुलाकर भी जो तुझको बेहिसाब हँसाता है-
तेरे नेत्र से डरे वो ,
उसके पिंछ पे मरे वो ,
तुने थामा गंगा को भी ,
उसने छोड़ा राधा को भी,
ऐसे क्या करम है तेरे?
सबको क्यों भरम है घेरे ?
तुजको बोले "भक्त है तेरे" ,
उसको बोले दोस्त मेरे ।
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