Rinz T   (rinzvichar)
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Joined 7 August 2018


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Joined 7 August 2018
8 MAR 2022 AT 14:04

टूट कर बिखरी तो भी संवरना पड़ता है,
क्योंकि जानती हूं खंडित भगवान को भी घर से निकलना पड़ता है।।
संभालने है रिश्ते तो मजबूत होना ही होगा
रोज यही कहकर खुद को खड़ा करना पड़ता है।।

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1 MAR 2022 AT 13:12

बस मै और मेरे शिव 🙏❤️🥰

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19 FEB 2022 AT 16:32

वो मौन जो जोड़ता है हम दोनो को
इस बार इस मौन मे शोर बहुत है।।

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7 FEB 2022 AT 18:56

कब तक मेरे यार आखिर कब तक
कब तक मुझे इस आग से गुजरना पड़ेगा ??
हां आग ही तो है।।
यह तुम्हारी चुप्पी मेरे लिए आग ही तो है जो सिलगा रही है मुझे अंदर ही अंदर ।। यह आग ही तो है जो मुझे पूरा जला भी नहीं रही और छोड़ भी नहीं रही है बस सिलग रही है धीरे-धीरे आहिस्ता आहिस्ता।।
लगता है जिंदगी का एक हिस्सा कहीं खो गया है जैसे जिसको ढूंढ ना मेरी चाहत तो है लेकिन पाना मेरा मकसद नहीं है।
चल उठ जा यार अब बहुत हो गया अब और नहीं।

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4 FEB 2022 AT 14:56

मुझ से नाराजगी
कुछ इस कदर जताता है वो
रूठता है मुझसे
और सब से दूर हो जाता है वो

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4 FEB 2022 AT 14:36

मरने का क्या है
मरने को तो मर ही जाएंगे एक दिन
पर यह जीते जी जो मर गया अंदर
यह बहुत दिल दुखाता है।।

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8 JUL 2019 AT 10:02

एक फुर्सत में दिखाऊं तुम्हे शाम-ए-रुड़की का नजारा..
एक हम दोनों, एक तन्हाई और वो गंग नहर का किनारा..!!

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14 JAN 2022 AT 8:20

Solitude
sometimes
is the best solicitude.

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21 DEC 2021 AT 23:18

In caption

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21 DEC 2021 AT 22:54

शब्द ही पाटेंगे
मौन से उपजी
तेरे मेरे बीच
खाईयो को ...

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