हैं तो सिर्फ ढाई आखर - इश्क़ कहो या प्यार
लेकिन कभी सोचा है,
इतना कहने के लिए या सुनने के लिए,
शब्दकोष के सारे शब्द उपयोग करने पड़ जातें हैं,
भावनाओं की अभिव्यक्ति इतनी सरल नही होती !
एक और शब्द है - माँ
इस शब्द की महिमा देखिए,
शब्दकोष में इससे छोटा कोई शब्द नही है,
और शब्दकोष में इससे बड़ा कोई *शब्द मिल जाये तो सुचित करना !
(*अर्थ की दृष्टि से)
शुभ रात्रि
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