नई शक्लें नई बातें
जितने शक्लें उतनी बातें
पर कुछ शक्लें
ऐसे भी होते है जीवन में
जो मुख पर बेहद
गहरी मुस्कान लाते हैं
कुछ सुने कुछ अनसुने
बातों का मिठास लाते हैं।
―यश जायसवाल
9-10-2020
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हमारे यहाँ लोगों को कुछ रचनात्मक करने भले ना आये,
पर शक्लें बड़ी अच्छी बना लेते हैं।-
यहां दुखों की अजीबो गरीब
शक्लें हैं..
तुम इस मुकाम पे होते तो
मर गए होते...-
क्यू ना प्यार-इश्क़ और मोहब्बत का नाम बदल कर
शक्ल पैसा और ज़िस्म रख दिया जाए...-
कभी कभी चेहरे की चमक कोई यू चूरा ले जाता हैं,
लाख रोशनियाँ हो,
शक्लें...
फिर नही चमका करती.....!!!
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मिली थीं कुछ शक्लें जिंदगी के सफ़र में...
कुछ नाम बनकर रह गई कुछ अनज़ान बन गई..!!-
शक्ल तो उनकी भी मेरे खुदा से मिलती थी,
पर उनकी चालाकियों ने मेरे खुदा को बदनाम किया|-
कितने चेहरे कितनी शक्लें फिर भी तन्हाई वही
कौन ले आया मुझे इन आईनों के दरमियाँ-
न जाने कितनी शक्लें लेकर बैठा है वो वफा की शै में,
हम उनके चेहरे पहचानते रहे दिल पर चोट खा कर।।-
शक्लें भोली - भाली ,
दिल पत्थर के ,
और दिमाग़ शातिर ,
वाह रे इंसान ! वाह-