स्त्री पर कुछ लिखने का मन करता तो है..पर लिखूं क्या.. बहुत से अनछुहे पहलू हैं...जिनको लफ़्ज़ों में बयां किया ही नहीं जा सकता। एक सम्मरी नहीं हो सकती स्त्री और स्त्रीत्व पर.. इतना जरूर कहा सकती हूं कि ईश्वर की महानतम रचना🙏😇
दुख तो बहुत है तेरे आशिकों के मगर, मसला ये भी है कि हड़ताल नहीं कर सकते.. एक तेरा ही नम्बर है मेरे कॉल लिस्ट में, एक तेरा ही नम्बर है जिसपर कॉल नहीं कर सकते...