Yash Jaiswal  
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Student
Joined 14 June 2020


Student
Joined 14 June 2020
8 JUN 2023 AT 20:56

समझदार इंसान

जब कोई व्यक्ति किसी को
समझदार व्यक्ति की संज्ञा
दे तो समझ लेना चाहिए कि
उसके हिस्से में
समझौता आने वाला है।
अब वो समझौता
आपके नादानी से है
या किसी और से
ये उन तमाम लकीरों से तय होगा
जो नादानी और समझदारी
के बीच रेखांकित है।
-यश जायसवाल
08-06-2023

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20 FEB 2023 AT 16:10

असीम रंगों की जरूरत कुछ
रंगहीन मनुष्यों को होती है
ताकि उनके रगो में दौड़ रहे लाल रक्त को
स्याह होने से बचाया जा सके।
-यश जायसवाल
20/2/2023



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16 DEC 2022 AT 20:59

:-सफ़रनामा-:

एक इंसान के सफ़रनामा में
असंख्य शब्द होते है
जैसे:- गिरना-संभलना,हँसना-रोना,
उदासी उम्मीदें,रंगी-बेरंगी सुख-दुःख
और अंत में तीन मार्मिक शब्द
"राम नाम सत्य"
के साथ उसके सफ़रनामे
का अंत हो जाता है।
शायद इसीलिए कहा जाता है कि
जिंदगी का मज़ा तो सफर में ही है
रुकने के बाद तो अंतहीन अंधेरा है।

-यश जायसवाल
16-12-2022

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8 AUG 2022 AT 12:16

उम्मीदों की खिड़की
की कोई सीमा नही होती कि
वह कब तक खुली रहे क्योंकि
उम्मीद, जिलाने या जलाने
वाली हवा(ऑक्सीजन)
की तरह होती है
जो असीमित समय तक
चलती रहती है।
-यश जायसवाल
08-08-2022

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19 JUL 2022 AT 22:44

सच और झूठ के बीच
चुप होते है कई चेहरे
जो कही न कही ग़ुम
होते है चिंता के ठोस पहाड़ियों मे
एक कसक लिए मन में
सच झूठ में बड़ा कौन
सोच कर भी असोचनीय
निष्कर्ष निकालते है और अंत मे
जो अधिक सहनीय हो
उसे सामने रख कर उन तमाम
कई चेहरों के साथ एक और
चेहरा चुप हो जाता है
समुद्र की गहराइयों में।
-यश जायसवाल
19-07-2022

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5 JUN 2022 AT 13:52

यकीन का रंग बेशक

लाल-हरे,पीले-नीले

की तरह दिखते न हो

पर बेहद गहरे होते है।

-यश जायसवाल
05-06-2022

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4 MAR 2022 AT 20:01

"सवाल और जवाब"

सवालों के सागर में
बस हाँ और ना में
जवाब देना संभव नही है

पर एक सवाल का एक सीधा जवाब
भी होना जरूरी है
जिसमे कोई भी बंदिश न हो
उन्मुक्त सवाल का
बेबाक जवाब हो

पर कुछ सवालों का जवाब
सीधा तो रहता है पर
उसे कुछ दलीलों
से उसे एक मीठे जलेबी
की तरह घुमा दिया जाता है

जो अक्सर लोगों को भी पसंद आते है
और वह सीधा जवाब एक नदी की तरह,
सागर में विलुप्त होकर
एक लंबी रेखा में सिमट कर
अपना अस्तित्व खो देता है।
―यश जायसवाल
4-03-2022





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29 DEC 2021 AT 20:19



वो शामें याद आती है
वो बातें याद आती है
वो हर एक लम्हा याद आता है
जो मुस्कराहट को बेमिसाल बनाता था
वो मुस्कराहट का दौर याद आता है
वो दोस्तों का जमघट याद आता है
जो गहरी थकावट को अनन्त
मुस्कान में बदलता था
वो अपने याद आते है
वो अपनो का साथ याद आता है
जिसमे बेहिसाब साहस होता था।
-यश जायसवाल
29--12-2021

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2 OCT 2021 AT 9:18



"दही बड़े"
दही बड़े होते है
इतने लाज़वाब
चारो ओर गुजें
वाह-वाह की आवाज़
वैसे तो यह है
अवध की व्यंजन
पर करे तारीफ इसके
प्रत्येक जन
होता इसमे
गुणों की भरमार
कोई न करे इनको,
इनकार
-यश जायसवाल
2-10-2021























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22 SEP 2021 AT 21:00

जिंदगी कहाँ है तू
मंजिले खो गई
तुझे ढूढ़ने के खातिर
रास्ते तो सीधे थे
पर हर पल बदलते
तेरे रूप ने उसे उलझा दिया
खींच दिया अनगिनत सवालों के लकीर
जो मानवीय संवेदना को
आहत करती है ।
कुछ लोग कहते है कि
जिंदगी को मुस्कुरा कर जियो
पर क्या ये इतना सहज है ?
या फिर इसे भी और बातों की तरह
सिर्फ कहने सुनने और नकारने
तक ही सीमित रखा गया है।
-यश जायसवाल
22-9-2021

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