Ashita Pandey   (@Ashita_Pandey_बेबाक़।)
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Still a kid at ❤️
Published writer✍️📖
Joined 11 October 2020


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1 MAY AT 21:18

अभी कुछ वक्त पहले तक,दिल बड़ी चाहते संजोता था
इक ज़रा बात ही पे खुश होना,और दूसरी पे
ज़ार ज़ार रोता था
अब मैं,संगदिली के फन में,उस्ताद हो गई शायद
दर्द मेरा, मैं दर्द की हमराज़ हो गई शायद
ये ज़ख्मों में लिपटी हुई सी मुस्कराहट कोई
कभी ख़त्म ना होने वाला,रिवाज़ हो गई शायद
आदतन मैं अब बर्बाद हो गई शायद, जुर्रतन और भी गुस्ताख़ हो गई शायद
ये मेरे अंदर की ख़ामोशी, मुझी में शाद हो गई शायद
उफ्फ मेरा मासूम सा मन कितनी बेदर्दी से मारा मैंने, मैं अब खुद कि गुनेहगार हो गई शायद
इक ये बात की मैं दुनियां सी नहीं,दूसरी ये के दुनिया भी मुझ सी नहीं मिलेगी तुम्हे
आख़िरत के वक्त तक को आबाद हो गई शायद
मैं कोई अनकहा,अनसुना,अनजाना सा पोशीदा किस्सा कोई या राज़ हो गई शायद
मैं बड़ी शोख बड़ी सादादिली में मारी गई
और ये दुनियां,इस के कुनबे से कोई ग़ैर- ज़ात
हो गई शायद
अब हालात कुछ भी हो,कभी रोना नहीं आता मुझ को
इस तरह पत्थर की हुई मै या हुआ पत्थर मेरी तरह
अब अपने मसलों,हसरतों, ज़ख्मों, शिकायतों को समेटे हुई, मैं
बंद पड़ी सी किसी अलमारी में ना समझ आने वाली कोई क़िताब हो गई शायद...!!

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28 APR AT 23:19

बेशक मौत जिस्म को आए
जज़्बा लेकिन याद रहेगा
मिलने तक मोहताज नहीं
इकतरफा इश्क़ हैं
क़लम मेरी में,आखिर तक
आबाद रहेगा..!!!

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28 APR AT 23:14

लंबी गहरी काली रातें और सिसकती आंखें हैं
नहीं सुनी जो तुम ने कितनी,अनकही सी बातें है
अब मुझ को लफ्ज़ों से तौबा मगर चीखते सन्नाटे हैं
नैनो के दो जोड़े है और आते जाते ठग जाते हैं
हम लिख कर बातों को अपनी,खुद खुद को समझाते हैं
कभी नहीं वो खोते हम से जो संग चलना चाहते हैं
कितने घाव भरे खुद अपने कितनी गिरहें बाक़ी हैं
नाउम्मीदी की हद पर भी मैंने राहें ताकी है
इश्क़ मेरा ज़िंदा हैं अब भी और रहेगा आगे भी
ज़िद फिर ज़िद है,मै भी देखू कितनी हिम्मत बाक़ी हैं
तुम से कोई शिकवा गिला तब होता ना जब हक़ होता
मेरे दिल पे एक तुम्हारी लेकिन कुर्बत बाकी हैं
सही गलत का कोई गणित मुझ को तो नहीं लगाना है
जिस को लगता हैं हिक्मत है.....हा, हैं बेशक हैं
गुस्ताखी हैं..!!!

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27 APR AT 9:43

मैं, स्वयं
भी स्तब्ध
प्रेम मेरा
निशब्द...!!

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26 APR AT 23:10

Joyfulness is a decision
Making happiness a priority is a choice
There is nothing like stress free days
There will be situations, tasks and challenges
Stress is nothing but your
Inability to gel up with your mind and body
Harness calmness, Practice gratitude
Keep your perspective positive
Let your EGO-Go
Take things as it's making a better human
Today tomorrow and till the little life
Within me is alive
You will transform yourself into something really really beautiful
There are no free lunches in life
Stress,Pain,Hurts,Struggle is a part of life
Mustering Courage, Alluring Grace
Not letting anything turn
You bitter is art of life
It's your life
Make it worth it
You're worth it
Remember That...!!

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25 APR AT 21:53

वो जिनके हिस्से ज़ख्म आए,कराहे आइ और कांटे आए
ये वहीं लोग हैं,जो सर ए आम
हाथों में फूल और जज़्बे में,मरहम लिए फिरते हैं
दर्द को दर्द ही की चाह हो ज़रूरी नहीं
अंधेरे को अंधेरा नहीं रोशनी हराती है
बस ये इक बात मेरे हौसलों बढ़ाती हैं
मैं इसे मुस्करा कर गले लगा हैरत में डाल देती हु
ज़िंदगी जब जब मेरा सब्र आजमाती है
ये मुझे ठोकरें अगर दे तो भी,मैं इसे मोहब्बत सिफत सीखती हु
घाव को घाव भर नहीं सकते,कुछ इसलिए भी,मुस्कुराती हु
मैं बड़े संगदिलों में पली हु बढ़ी,मै बड़े शौक़ से बताती हु
मेरे रकीबों से पूछ कर देखो,कितनी शिद्दत से अदब निभाती हु
हम को आईना देखना है,रोज़,हम नहीं सौदा ए दर्द कर सकते
खरीद फ़रोख्त तिजारत हुनर सब उन को हैं
हम जीते जी तो नहीं मर सकते,देख कर ज़ख्म दुश्मनों के भी
हम वसीला ए नमक तो नहीं कर सकते
माना ये दौर अलग है और ज़ात भी
मुझ को इतनी मगर औकात भी
मै नहीं धूप से नाखुश बिल्कुल,हाथ मेरे छांव भी तो कर सकते
एक बड़ा फलसफा है ज़िंदगी का सफ़र
मुश्किलों को आसानीयों से है,छल सकते..!!!

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24 APR AT 20:13

दिल पे
कोई धुन सवार हैं,शायद
अब भी
तुम्हारा, इंतेज़ार है,शायद
अजनबी हो तुम,पता हैं मुझे
फिर भी दिल, बेक़रार हैं
शायद
ज़रा तो इज़्तेरार है शायद
तुम्हारा, इन्कार है
शायद
मुझे अब दर्द टीसता है क्यों
ये मौसम
खुशगवार है शायद..!!

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22 APR AT 23:55

प्रेम मेरे के आगे
लघु समूचा क्षितिज
नंदी की सी प्रतीक्षा
और
नर्मदा की सी ज़िद..!!

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22 APR AT 20:28

प्रेम में सबसे दुखद हैं,एकाकी रह जाना
ऐसी राह तकना जहां से कोई आहट कभी भी
आप तक कतई,नहीं पहुंचेगी
दिल जानता है,बस मान नहीं पाता
कातर दृष्टि से ढूंढता है कुछ खुरचने
थोड़ी उम्मीदें और हाथ आती हैं
बस निराशा
जिस के लिए दुनिया छोड़ी जा सकती हैं
जिस के लिए कई कल्पों प्रतीक्षा की जा सकती हैं,जो स्वयं के जीवन से भी कही अधिक महत्वपूर्ण होता हैं
उसी के नज़दीक खुद कि ज़रा भी एहमियत का ना होना
उसी की आंखों में अपना इंतेज़ार ना देख पाना
उसी की कोशिशों का आप के लिए ना होना
सशक्त से सशक्त मनुष्य भी बिखर जाता हैं
प्रेम में छोड़ दिए जाने का दुःख
और
आप का ना होने पर उस के छिन जाने का भय
मृत्यु से भी भयावह है
जीवन की सभी यात्राओं में सबसे कठिन सबसे विदारक यात्रा हैं
वो यात्रा जिस में आप सहज,सरल और निश्चल भाव से
उस की प्रसन्नता और निर्णय को स्वीकार कर लेते हैं
खुद से खुद को उस रास्ते से अलग कर देना जिसकी मंज़िल ना आप हैं,न बन सकते हैं कभी
एकल प्रेम सब के बस की बात नहीं
ये वो स्याह अंधेरा हैं,जिस से गहरी कोई रात नहीं
प्रेम में हारे हुए लोग
कही अधिक प्रेम के पात्र होते हैं
पर अफसोस शायद वो उन के हिस्से
कभी नहीं आता..!!

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18 APR AT 11:36

सबर कोई था
बांधे,बैठी
छूट चुका है...
शायद 'मुझ' से
भोला भाला मन था
लेकिन
टूट चुका हैं..
शायद 'मुझ' से..!!!

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