और फ़िर वो
ज़िंदगी का
आख़िरी घाव था
हा ये सच हैं
हाथ काँप गए थे मेरे
उस तस्वीर को देख कर
जिस में वो
किसी और के
साथ था..!!-
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लगी थी आग दश्त में पूरे
मैं,देखती रही
मुझ से पूछा गया
माजरा क्या है..??
वो देख कर लपटे
पूछते रहे,मुझ से
बचा क्या है..??
मैंने एक नज़र भर के देखा
खुद को,खड़ी तो साबुत थी
आईने में,मै
मैंने पूछा,माशरे से
आखिरकार
जला क्या है..???-
Not much but the idea of
Facing Life
Yet not being mundane
To it's Chaos
Outgrow the hurt
Reprise with bliss
Scars may dim your spark
But
Nothing shall be given enough power to shut you down
Even if no one likes you
You be your favourite
Remember
Peace comes from within
Insecurity seeks validation
Faith is always confident
Stay happy and spread smiles
We've one life
It's worth living
Don't be dead before you actually die one day
Your people will find you embrace you and stay
The art of turning pain in to power is no art it's
Alichemy...!!-
मैं,मेरी इकतरफा मोहब्बत और तुम्हारा इंतेज़ार
हमेशा थे,हमेशा रहेंगे,अब यक़ीन हो चला है
कुछ रातों की कोई सुबह नहीं होती
कुछ सपने अधूरे ही छूट जाते हैं
कितने भी कीमती हो ख़्वाब,टूट जाते हैं
वो नहीं जाते कहीं जिन का रुकने का इरादा हो
मोहब्बत मुकम्मल ही तब होती हैं
जब सामने वाले का जज़्बा तुम से ज़्यादा हो
बच्चों की तरह शिकायतें करना
सफाईया देना इल्ज़ाम लगाना
या फ़िर सिफारिशें करना,कतई नामुमकिन हैं
मेरी मोहब्बत मेरा जज़्बा हैं और इसे कमसकम
मेरे दिल में इस के हिस्से की इज्ज़त
हमेशा हासिल रहेगी
मैंने बहुत से घाव अकेले सह लिए हैं
फिर इस बार तो कोई
वायदा कोई चाह कोई इरादा कभी था ही नहीं
इकलौती बच्चों की सी ज़िद
अब हर ज़िद हर ख्वाइश पूरी हो ज़रूरी तो नहीं
मैं फ़िर निहायत नाकाबिल,
कमज़र्फ शख्स हु शायद
मैं आसमान के तो ख़ैर, क़ाबिल भी नहीं..!!-
फिर जिन्हें छांव
न हुई हो
मयस्सर कभी
उन्हें धूप से भी
इश्क़ हो ही जाता हैं..!!-
The idea of life is very
Chaotic to me
Perhaps
Death could be the only
Peace, I seek....-
मन तो मोम सा नाज़ुक था मेरा
हशर से पत्थर तो नहीं होना था
मैं मुस्कराहट में लिपटी तो रहती हु
खुशियों को तो नहीं खोना था
साथ देने की आदत पुरानी हैं मुझे
ज़िंदगी के इम्तिहानों में
अकेले खड़ा तो नहीं होना था
अब किसी ग़म का खौफ नहीं है मुझे
न रंग भाते हैं,न ख़्वाब आते हैं
न डरा पाते हैं सन्नाटे मुझे
न शोर घोल पाता है, ज़हर मुझ में
न ज़िंदगी का चाव बाक़ी बचा
न गुरेज़ बाक़ी है,मौत से कोई
न दिल चहकता है बारिशों को देख कर
न तपा पाती है अब धूप मुझे
न उम्मीदें हैं अब किसी की
न शिकायतें बाक़ी बची है,खुद से भी
न गवाही देनी है मासूमियत की कोई
न हार की मायूसी, न जीत की चमक
न तुम्हे पा लेने की जद्दोजेहद,
न खो देने का सोग
न शिकवे,न शिकायतें,न परवाह
के,क्या कहेंगे लोग
न नफ़रतो से शिकायतें बची
न हसरतें बची, मोहब्बत की कोई
न बचाना है खुद को,इल्ज़ाम से किसी
न सफ़र का खौफ़,न पड़ाव की चाह
न अपने हक़ में दुआएं कोई
न किसी को देनी हैं,बददुआ कोई
ज़िंदगी से ख़ामोश
यू लड़ा तो नहीं करना था
मैं समझदार तो शुरू से थी
लेकिन
इतना बड़ा तो नहीं बन ना था..!!-
स्वाद जीवन का लगता हैं,फीका
क्या कहे, हम पे
क्या क्या ना बीता
ये मुसलसल गमों का सलीका
क्या कहे, हम पे
क्या क्या ना बीता
ज़िंदगी से उम्मीदें भी छूटी
और मोहब्बत की डोरी भी टूटी
दफ़न ख़ुद में हैं जितने फ़साने
लगेंगे अब कितने ज़माने
दिन का सूरज अंधेरों में गुम है
ज़िंदगी भी अमावस बनी हैं
टीसती हैं उम्मीदें और यादें
बचा बाक़ी ना कोई तरीका
क्या कहे, हम पे
क्या क्या ना बीता...!!-
मेरे लिबास पर छींटे
तो मत उछाल
क्योंकि
दाग़,बिखरे अगर मुझ पर
गवाही करने लगेगी
स्याही हाथ की तेरे...!!!-
मेरी सादगी मेरी खामोशी मेरे ख़्वाब में
इस स्याह रंग में इस के हर अंदाज़ में
ज़िंदगी, खूबसूरत हैं बहुत
मसले,शिकवे और कितने रंज लिए
खूबसूरत होने पर कितने तंज़ लिए
अपने हर रंग,रूप हर लिबास में
ज़िंदगी, खूबसूरत हैं बहुत
जो मिल सका उस की खुशी में
ला हासिल सी शय की हार में
मेरे इकतरफा इश्क़ के खुमार में
ज़िंदगी, खूबसूरत हैं बहुत
मिट्टी को चंदन से कोई रेज़ नहीं होता
अधूरा ख़्वाब कभी आंखों में नहीं सोता
अपने उजड़े बिखरे से इस पड़ाव में
जो कभी मिल न सकी उस छांव में
एक मैं जो तुम से आगे कभी बढ़ी ही नहीं
एक तुम जो मुझ तक न रुक सके हो कभी
अपनी मासूमियत और अपने घाव में
तुम से बाक़ी है जो उस लगाव में
अब खामोशी और इसकी पनाह में
ज़िंदगी,खूबसूरत है बहुत..!!-