रास्ते की भीख न मांगो,
अपना रास्ता खुद बनाओ।
दो कदम भी साथ क्या चलना,
अपने पैरों को मजबूत बनाओ।
इश्क़ की इबादत कर ली बहुत,
समझनेवाला मिला हो,तो बताओ।
नादान हो अब समझदार बन जाओ,
बढ़ाओ कदम मंज़िल अपने की ओर
और एक नया वजूद बनाओ।
वास्ता हुआ उन्हें गर तेरे इश्क़ से कभी,
मानो न मानो वो टूटकर बिखर जाएगी।
समझ ना आए कभी ये मोहब्बत उन्हें,
बस जाते-जाते खुदा से ये खैर मनाओ।
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