वक़्त से थोड़ा सा वक़्त छीनकर लाऊंगा,
वक़्त को उस वक़्त की कहानी सुनाऊंगा,
यूं उलझाकर वक़्त को वक़्त की बातोंमें,
मैं हर वक़्त की बात वक़्त से कह जाऊंगा !
देखना हर हाल में मैं हालात को रोक पाऊंगा,
हाल न रुके तो रुकने वाला हालात बनाऊंगा,
मैं हर हाल को हालात के जाल में फंसाकर,
ऐसे हाल का मैं हारने वाला हालात बनाऊंगा !
अब तो हमेशा खुदसे एक दौड़ मैं लगाऊंगा,
यूं दौड़ते हुए भागदौड़ को भी मैं थकाऊंगा,
वक़्त के साथ मैं दौड़ को दौड़ना सिखाऊंगा,
दौड़ते दौड़ते एक दिन दौड़ को भी हराऊंगा !
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