जिस मिट्टी में जन्मा हूँ
उस मिट्टी का लाज रखुँगा
ऐ भारत माँ तेरे लिए
सीने पे गोली खा लूँगा
वीरों की बलिदानी
व्यर्थ नहीं जाने दूँगा
इसी तिरंगे के नीचे
समग्र भारत बसाये रखुँगा
खौफजदा दुश्मन होगा
ऐसा भयंकर हुंकार भरुँगा
सीना चीर दुश्मन का
जब मै उन्माद करुँगा
तेरे सपूत होने का
हर फर्ज अदा करुँगा
हर एक क्षण भारत माँ
तेरी सम्मान का ख्याल रखुँगा
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बहुत खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनके साथ इतने सारे दोस्तो का प्यार और
आशीर्वाद रहता है उनमें से एक मैं भी हूं..
दोस्तो आज फिर मैं आप सबके साथ हूं 🙏🏻
#जय_हिंद!!
भारतीय_सेना!!-
गाने मे,वन्दे मातरम् ,बैहस का विषय नही
गाकर,बता देना,तुम हमलोग से अलग नही।
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वो जो हैं बन के मजबूर बैठे हुए
उन सियासी हुकूमत से जा कर कहो
चंद वोटों के खातिर न बेचे वतन
तेरे दायित्व हैं तुम हिफाजत करो
हाँ तुझे भी चुकानी है कीमत कोई
मुल्क की आबरू तुझ से भी है बड़ी
इस के दामन पे पंजे बढ़े फिर से तो
जंग होगा समझलो वही आखरी
फिर न कहना कि इंसान को क्या हुआ
फिर न हमको सुनाना जमहूरी ग़ज़ल
खाक होक निभाने हैं फिर फर्ज को
राख कर जाना है दुश्मनों का नसल-
रत्नाकराधौतपदां हिमालयकिरीटिनीम्।
ब्रह्मराजर्षिरत्नाढ्याम् वन्दे भारतमातरम् ॥
🇮🇳गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ॥ 🇮🇳
💥स्वीकृति मिश्रा 💥-
उनको परवाह नहीं होती
अपनी जान की
जिनको फिकर होती है
तिरंगे की शान की ...-
मुझे कुछ नहीं कहना है,
निर्णय आप को करना है ।
एक ओर चेहरा एक,
एक ओर चेहरे अनेक ।
अपने विवेक से काम करना है,
मुझे कुछ भी नहीं कहना है ।।-
तुम 15 अगस्त को तिरंगा खरीदकर फहराओ ये जरूरी नहीं,
मगर हां 16 अगस्त को सड़क पर गिरे ,कचरे में फेके गए तिरंगे उठा लो और पूरी जतन से मिट्टी में दफन करो तो जानूं तुम्हारी देशभक्ति........-
बैर्यां मांय भय समा जावै
सुण जयघोष भवानी को
लहू लहू चौमेर दिसै जद
लड़ै सपूत माँ भारती को
घणी रही फौजां ई जग मै
या कुनबो वीर सपूतां को
लड़ै नहीं कोई दड़ा कै मारै
मान बधावै धरती माँ को
॥ वन्दे मातरम् ॥
समय कित्तो बी बदळ जावै
ना जोश घट्यो रणवीरां को
जहांनु हिंद री सेना ऊभी छै
ऊंचो रहसी झण्डो भारत को
कैयां न आं पर भारत इतरावै
सगळा नै चाव छै राजनीत को
पण सगसूं पैला बळिदान हुवै
या माटी माळै बेटो माटी को-