कर जोड़ खड़े तेरे द्वारे हम ;
अब तो मेरी अर्ज स्वीकार करो माँ !
ना चाँदी ना सोना माँगू ;
बस दर्शन देकर उद्धार करो माँ !!
तेरी कृपादृष्टि हमपर बनी रहे ;
मेरा बेड़ा तुम ही पार करो माँ !!
मेरी पूजा तुम स्वीकार करो माँ !!!!
प्रेम से बोलो "जय माता दी "🙌-
मेरी पहचान मेरा "स्वाभिमान"!!
Profession as a Teacher
It is My ... read more
वक्त रहते ख़ुद को साबित करना
सबसे बड़ी चुनौती होती है..!
क्योंकि वक्त कभी किसी का गुलाम नहीं होता
एकबार निकल गया सो निकल गया....!!
अगर गुलाम बनाना ही है तो
अपने "अहम" को बनाइए..!
जिसने आपको तो गुलाम बना ही रखा है
और आपके "स्वर्णिम भविष्य" को भी अंधेरे में...!!
स्वीकृति मिश्रा-
ख़ुद की बर्बादी ख़ुद के हाथों ही लिखते गए.....
हो बेखबर तूफानों से
कश्तियों को ख़ुद ही मझधार में डुबोते गए...
जानें कितने थे बेसुध जो
ख़ुद ही अपनी राहों में हम कांटें बोते गए.....
स्वीकृति मिश्रा-
मन ही शक्ति कुंज..!
मौन ही मन की प्रचण्ड शक्ति है
उच्छृंखलता से मन रहे व्यग्र..!!
मन की सीमा मन में व्याप्त
ध्यान ही बड़ा है अस्त्र..!
मन की इच्छाशक्ति ही है
जग में सर्वोपरि शस्त्र ..!!
स्वीकृति मिश्रा-
क्योंकि दिखावे में किया हुआ काम
तो क्षणिक सुख देगा..!
लेकिन मन से किया हुआ काम
चिरस्थाई सुख व शान्ति देगा.....!!
फैसला ख़ुद ही कर लो क्या चाहिए....
स्वीकृति मिश्रा-
जब तेरे इश्क में कांँटों की सेज भी
फूलों की सेज लगती थी..!
अब तो फूलों की सेज भी
जानें क्यों काँटों की सेज लगती है..!!
स्वीकृति मिश्रा-
ख़ुद को किसी का मुकद्दर मत समझो ;
क्योंकि हर इंसान अपना मुकद्दर "स्वयं" लिखता है
कोई और नहीं.!!
स्वीकृति मिश्रा-
हमको कोई ग़म भी नहीं है
जब तुमको कोइ अफ़सोस नहीं तो
हमको भी अफ़सोस नहीं है...!
तेरा आना भी तय था
तेरा जाना भी तय था...
साथ निभाने की कसमों को
तोड़ के जाना है तो जाओ..!!
जानेवाले को रोकने का
हमको कोइ शौक नहीं है
तुमको जाना है तो जाओ
हमको कोइ ग़म भी नहीं है..!!!
स्वीकृति मिश्रा-
है हिम्मत तो ख़ुद करके दिखाओ
भाग्य लेख को अमिट न मानो
कर्मों में तूफ़ान तो लाओ..!
भाग्य विधाता ऊपर बैठा
नीचे तुम ख़ुद ही बन जाओ
सोने पर हो सुहागा जैसे
कर्मों से अपनी चमक बनाओ..!
कायर कोसते भाग्य को पल-पल
हिम्मत की थोड़ी ज्योति जलाओ
भाग्य भरोसे सबकुछ नहीं मिलता
अपने मन से वहम मिटाओ..!!
स्वीकृति मिश्रा-
बशर्तें उन सपनों के प्रति
सच्ची लगन , निष्ठा ,
जुनून
समर्पण
और
ख़ुद पर दृढ़आत्मविश्वास हो...!
फिर मजाल जो वो सपने अधूरे रह जाए...!!
स्वीकृति मिश्रा-