मन में कल्पित
तेरा रुप ललित,
हे! राधापति
तेरे नेत्र कलित,
इस श्याम रंग
की मूरत पर
क्यूं ना हो
ये श्रृष्टि मोहित....!-
!!पराया घर!!
रोक लेते अपनी नादानियों को नाराज़गी से पहले!
यूँ वहाशियत का नज़ारा न होता तो अच्छा होता
काश तुमने रिश्तों को समझा होता तो अच्छा होता!!
लाख समझाया था ज़िन्दगी का खालीपन तुझे!
मेरी बातों पर ऐतबार हुआ होता तो अच्छा होता
काश तुमने रिश्तों को समझा होता तो अच्छा होता!!
अपना घर जला लिया तुमने औरो की सुन सुन कर!
एक बार तो विश्वास किया होता तो अच्छा होता
काश तुमने रिश्तों को समझा होता तो अच्छा होता!!
पराये घर में माफी नही मिलती गुस्ताखियो पर बहन!
सोच कर कदम उठाया होता तो अच्छा होता
काश तुमने रिश्तों को समझा होता तोअच्छा होता!!
रूठ जाती है किस्मत मिलता है तिरस्कार ज़माने से
गर मुझे अपना समझा होता तो अच्छा होता
काश तुमने रिश्तों को समझा होता तो अच्छा होता!!-
श्रीकृष्णा,
विश्र्वातील नित्यनूतन आविष्कार चैतन्य लहरी निर्माण करतात...
चराचरातील तुझ्या किमयेची पदोपदी जाणीव करुन देतात...
घनश्यामा,
तुझ्या निळसावळ्या वर्णाशी साधर्म्य साधणारे विशाल अंबर आणि अथांग सागर मनावर गारूड घालतात...
तुझ्या त्या जादुई निळाईत माझे नगण्य अणू रेणू रंगून जातात....
बाळकृष्णा,
ममत्वाने भरलेले पयोधर तुझ्या त्या नटखट लीलांनी ओथंबतात...
छमछम नाद करत दुडुदुडु धावणारी तुझी पावलं वात्सल्य पान्हा पाझरवतात...
मुकुंदा,
तुझं नाव ओठी येताच आनंदाचे डोही आनंदतरंग उठतात...
तुला आर्त साद घालता या दु:खीकष्टी जीवाच्या वेदना शमतात...
मनमोहना,
तू वाजविलेल्या वेणूतील सुरावटी मंत्रमुग्ध करतात...
तुझ्या दिव्य रासलीलेतील विलोभनीय विभ्रम भुरळ घालतात...
कान्हा,
तुझ्या पदकमली वाहिलेले तूच दिलेले हे श्वास...
तुझ्या निखालस प्रीतित राधेसम एकजीव होतात...
तुझ्या विशुद्ध भक्तीत मीरेसम एकरुप होतात...
अनंता,
तुझ्या कृपेने भारलेली स्पंदन तुझ्यातच विलीन होतात...
युगानुयुगे ही मी तुझाच अंश असल्याची साक्ष देतात...
युगंधरा,
तुझ्या श्रीमुखातून अमृतवाणीने प्रकटलेले भगवद्गीतेतील श्र्लोक सार्थ जीवनासाठी मार्गदर्शन करतात...
श्रीमद् भागवत पुराणातील अमोघ लीला जीवास भवमुक्त करुन मोक्ष प्राप्ती करून देतात...
- ©श्रीरुप
- ©Rupali
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अनंत विहीन शून्यों में
जब मैं स्वयं को खोजते खोजते थक जाऊं
और अपने मार्ग से भटक जाऊं
तो जिस प्रकार सूर्य की ललित किरणें
प्रतिदिन पृथ्वी का आलिंगन करती हैं
ठीक उसी भांति ही
मुझको अपनी बाहों में भर लेना
और मुझे ज्ञात हो जाएगा
कि मैंने अपनी मंजिल प्राप्त कर ली है।
— आशना-
जिन लोगों को तुम लोगों ने आदर्श बना
रखें है,
उन लोगों के हमने कई राज छुपा
रखे हैं ।-
के उसे पैदा होने तो दो,
जी भर के उसे रोने तो दो,
कर देगा तुम्हारी हर खवाइसे पूरी,
उसे पहले बङा होने तो दो ।
अरे! मै मानता हूँ हर माँ बाप की उम्मीदें अपने बच्चों से होती है,
मगर मत हराओ उसे पहले ही किसी से तुलना करके,
इस दुनिया की जंग में उसे पहले लङने तो दो ।
उसे समझाओ के दुनिया में कैसे जिया जाता है अपने बल बूते पे,
जीत जायेगा सारी जंगे उसके साथ खडे तो हो।
हम सभी को पता है कि बचपन से ही बच्चों मे एक हुनर पनपता है,
आपको पता है सूरज होते हैं वो उस क्षेत्र के,
सारे दूर कर देगा अंधेरे ,
पहले उसे उगने तो दो ।
कोई जाता है संभल , कोई नहीं संभल पाता है,
मगर दुनिया से (तुलना) का बोझ बढ़ता ही जाता है,
अरे! उसका कम हो जाएगा ये बोझ बस उससे इतना कह दो,
हम तुम्हारे साथ है जो होगा होने तो दो।
बस फिर देखना वो कैसे अपने सपनो की उड़ान भरता है,
जब हो जायेगा कामयाब तो तुम ही दुनिया से कहोगे कि बच्चों को उङने तो दो।
जय हिन्द । भारत माता की जय ।🇨🇮
(ललित कुमार)
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चाँदनी रात मेरे लिए रोटी का टुकडा़ सी है
तुष्टीकरण का सिद्धांत लागू कर सकती हूँ
अमावस के बाद मिलते हैं टुकड़े
और पूनम तक शुधा शांत होती है-
पूरा विश्वास है खुद पर,
कितना भी मुश्किल आए मगर,
रुकना नहीं है हार कर।-
कहता हूँ कि,
कविताएँ, गजलें, नगमों, शायरी, बहस
के नाम पर,
ये सब किस किस के अल्फाज़ो की नकल देंगे,
जब हम आयेंगे तो पूरा माहौल बदल देंगे।
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सुविधाएं या बारिश नहीं मिलेगी,
तो क्या किसानों की आँखे उनके खेत सिचेगी,
देखना तुम , जो इन पर बीतीं
वो एक दिन तुम पर बितेगी।
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