Shilpa Lalit Kashyap   (ललित कश्यप— ”शिला"®)
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Joined 9 March 2021


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Joined 9 March 2021
20 APR AT 10:01

तेरे ख्यालों में खोई रहती है ये ज़िंदगी मेरी,
कभी सुकून की ओर, कभी बेकरारी की डगर जाती है।
तेरे इंतज़ार में हर पल गुज़रता है इस तरह,
ना होती है कोई शाम… मगर उम्र गुजर जाती है।

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20 APR AT 9:55

तेरे ख्यालों में मेरी जिंदगी,कभी इधर जाती है कभी उधर जाती है ।
तेरे इंतज़ार में रहते हैं हरदम, जिसमें शामें नहीं उम्र गुजर जाती है ।।

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16 APR AT 10:33

इस जमाने में आदमियों का भी बड़ा अलग हिसाब होता है
लौट आते है बिना रोए शमशान से किसी को भी जलाकर
पर नाकाम मोहब्बत में,आदमी आसमान से ज़्यादा रोता है ।।

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6 APR AT 11:03

“हिमालय की शपथ”
-बदलता रहता है हिमालय
अपनी क्षमता और आकार,
ना केवल चट्टानों में,बल्कि करता
है प्रकृति की आत्मा में विस्तार।
-वो जो अचल है,
वो भी चल पड़ता है कभी,
ना टूटता है, ना झुकता है,
बस बदलता है अपनी जमीं।
-हिमगिरी की छाती में
हर कण में बहती मौन साधना है,
तो कभी गर्जन करती सतलुज
कभी जीवन दायनी सब की माता है।
-शिखर से झरता जल कभी
जीवन का आकर है बदलता
कभी बर्फ की चादर ओढ़े
देता शांति साहस और निडरता ।
-उसके कई रूपों में छिपा
संघर्ष अटल दृढ़ता का वो सार,
कि जब भी वक़्त माँगे परिवर्तन,
जुटा शक्ति कर लो तुम विस्तार।
-सीख लो अडिग हिमालय से
स्थिर रहना, पर जड़ नहीं बन जाना,
विकास और परिवर्तन की राह में
कभी पत्थर, कभी पानी बन बह जाना।

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1 APR AT 22:57

मेरे हर इम्तिहान के साथी तुम हो,
मेरी हर जुस्तजू में बाक़ी तुम हो
जो भी हूँ आज, तुम्हारी वजह से,
मेरे हर लफ्ज़ की,कहानी तुम हो।

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30 MAR AT 3:15

दोहा “विचार”
सम्मान ज्ञान का करें सभी,बिन जाने व्यक्ति विशेष ।
चरित्रविहीन भी दे सकता ,उचित ज्ञान उपदेश ।।

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29 MAR AT 10:10

सपना बना हकीकत -
एक सपना कब से मेरी आँखों में था,
आज बन हकीकत मेरी राहों में था।
यूँहीं नहीं पाई सफलता की ये ऊँचाई
बहुत से नाखुश लोगों की निगाहों में था

कब मुश्किलों की सीमाओं को लाँघ गया
हर चौखट हर दरवाज़े को अब जान गया
यूँ तो ठोकर खा रहा था जमाने में दर दर
कई व्यक्तियों के व्यक्तित्व पहचान गया

देखता हूँ कई इंसान भी बड़ा रंग दिखाते हैं
सफलता में बुद्धिमानी के किस्से सुनाते हैं
लगाते हैं असफलता में मंदिरों के चक्कर
और पल पल दोष अपनी किस्मत पर लगाते हैं

शुक्रगुज़ार हूँ मेरे मालिक जो मेहनत को मुकाम दिया
कृतज्ञ रहूँ कृपा से हरदम ये एहसास मुझे ख़ास दिया
झुक जाता हूँ तेरे चरणों में निशि दिन अनंत श्रद्धावश
अनंतम शुक्राना आपका जो हर सपने को साकार किया

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13 MAR AT 11:09

फलक से उतरी मोहब्बत की रोशनी है होली,
ख़्वाबों की मिट्टी में खुशबू की चाशनी है होली।
रंजिशों के क़िले भी गिर जाते हैं रंग से,
दिलों को जोड़ने की पुरानी दुकान है होली।

होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।।

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13 MAR AT 11:00

रंगों में घुली मोहब्बत की तस्वीर है होली,
हर दिल में बसी खुशियों की तदबीर है होली।
ग़म के अंधेरों को जो चीर दे इक पल में,
हर उम्मीद के रंगों की जागीर है होली।

होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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13 MAR AT 10:50

मुट्ठी भर गुलाल
रात रानी का इंतज़ार
होली का त्यौहार ।।

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