दिलों में शोख़ी नज़रों में गुस्ताख़ी है
दिल्ली वालों का अंदाज़ बेबाकी है...shree💕-
उलझ कर तेरी जुल्फों मे यूं आबाद हो जाऊं
कि जैसे लखनऊ का मै अमीनाबाद हो जाऊं ,,
मै जमुना की तरह तन्हा निहारु ताज को कब तक
कोई गंगा मिले तो मै इलाहाबाद हो जाऊं ❤️-
शोख देहलवी दिल में इक खुशनुमा रौनक सी रहती है
कलाम होते हैं इनके उमदा दुनिया नाचीज़ इन्हें कहती है-
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।3।।
श्री हनुमते नमः🙏
ज्येष्ठ माह के द्वितीय मंगल की शुभकामनाएं 🙏-
ज़ुबाँ की तल्ख़ियों पे गौर भला क्या कीजे।
ज़ुबाँ हो लखनवी तो शायरी बयाँ कीजे।-
मेरे आस्तिक होने का अंदाजा तुम क्या लगाओगे दुनिया वालों
मैने मेरी आस्था में भी उस हसीन को ही मांगा है ❤-
तुम्हारी बे-रूखी इक दिन
हमारी जान ले लेगी
कसम तुमको,ज़रा सोचो
की दस्तूर-ए-वफ़ा क्या है !!
न जाने किसलिए दुनिया की
नज़रें फिर गईं हमसे
तुम्हें देखा,तुम्हें चाहा
कुसूर इसके सिवा क्या है !!
न है फरियाद होंठो पर
न आँखों में कोई आँसू
ज़माने से मिला जो ग़म
उसे गीतों में गाया है !!
ग़म-ए-दुनिया से घबराकर
तुम्हें दिल ने पुकारा है
कहाँ हो तुम चले आओ
मोहब्बत का तकाज़ा है....
~~बहज़ाद लखनवी-
हुस्न लखनवी हो या मुम्बइया
देखने बाले की नज़र सौम्य हो तो
नज़र आतीं है सौम्यता की छबियाँ-
जी लेंगे हम भी इकतरफा मोहब्बत करके,
उंगलियों पर गिने जा सकते हैं वो लोग जिनको उनकी मोहब्बत मिल गई 💙-