1) Appreciation 2) criticism -
1) Appreciation 2) criticism
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हम ब्रहमांड में घुल मिल जाते हैं। -
हम ब्रहमांड में घुल मिल जाते हैं।
ये गुलाब, ये शराब, ये शबाब और ये शायरी इन सबके बेशुमार किस्से रखती है ये डायरी -
ये गुलाब, ये शराब, ये शबाब और ये शायरी इन सबके बेशुमार किस्से रखती है ये डायरी
अदावत है, तो हो, पर उस को सलीके से निभाओ साजिश करके किसी के उसूलों से मत टकराओ -
अदावत है, तो हो, पर उस को सलीके से निभाओ साजिश करके किसी के उसूलों से मत टकराओ
मैंने ख़ुद को ख़ुद के अन्दर किश्तो में दफ़न किया है ज़िन्दा होकर कई बार अपनी रूह का क़त्ल किया है -
मैंने ख़ुद को ख़ुद के अन्दर किश्तो में दफ़न किया है ज़िन्दा होकर कई बार अपनी रूह का क़त्ल किया है
याद है ना?इक जोड़ी झुमका मेरी फरमाइश थी,वो फरमाइश कभी पूरी नहीं हुई,तेरे साथ भी, तेरे बाद भी। -
याद है ना?इक जोड़ी झुमका मेरी फरमाइश थी,वो फरमाइश कभी पूरी नहीं हुई,तेरे साथ भी, तेरे बाद भी।
गणित के मास्टर की कुर्सी पर श्वेत पुष्पों की डलिया ये कौन है जो इन वीरानों में खिला रहा प्रेम की कलियाँ -
गणित के मास्टर की कुर्सी पर श्वेत पुष्पों की डलिया ये कौन है जो इन वीरानों में खिला रहा प्रेम की कलियाँ
तुमको सोचूं तो हज़ार मुश्किलें और न सोचूं तो हज़ार मुसीबतें -
तुमको सोचूं तो हज़ार मुश्किलें और न सोचूं तो हज़ार मुसीबतें
इक पल में हज़ार ख़्वाहिशें हर ख़्वाहिश को इंतज़ार पूरा होने का -
इक पल में हज़ार ख़्वाहिशें हर ख़्वाहिश को इंतज़ार पूरा होने का
हाथों में मेहंदी सज गयी तो समझिए इश्क मुकम्मल हो गया वरना इन्सान तन्हा रातों का हमसफ़र हो गया -
हाथों में मेहंदी सज गयी तो समझिए इश्क मुकम्मल हो गया वरना इन्सान तन्हा रातों का हमसफ़र हो गया