एक से पाँच वर्ष के बच्चों पर
डालता है अपना प्रभाव
जागरूक रहना ऐसे रोग से
कभी नहीं हो कोई अभाव
संक्रमित चीज से दूर रखना
चाहे बलगम हो या खाँसी
पोलियो वेक्सीन है जरुरी
स्वच्छ पीना सदैव पानी
उल्टी, थकान या गले में खराश
आ जाये यदि दिमागी बुखार
बहुत सतर्क हो जाना तुम
नस, मांसपेशी और रीढ़ की हड्डी
को बनाता अपना शिकार
जिसका ना उपचार कोई
कर देता अपंग उस अंग को
जिसपर करता ये आघात
बचाना इसके वार से सबको
संक्रमण द्वारा लगाता घात
है बहुत जरुरी पहले से उपचार
O.P.V और I.P.V टीके से
रोग का करो निस्तार...!!
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