QUOTES ON #लक्ष्मी

#लक्ष्मी quotes

Trending | Latest
19 SEP 2021 AT 13:57

क्या! इस कलयुग में भी कोई हों सकतीं हैं!
सती सावित्री लक्ष्मी जो पति परमेश्वर के रूप
में नारायण खोज रही हों! जो सत्य और धर्म को जानती हों! जिसने अपने अंदर करुणा और आनंद का संतोष जगा रखा हों! जो अंतरात्मा में आनंदित रह अपने कर्म का निर्वाह करती हों! भले ज़िंदगी जीवन में थोड़ी बेपरवाह हीं क्यों न हों।
वह स्वयं में सामर्थ्य वान का प्रतीक भी हों!
जिसने जनकल्याण का लक्ष्य निर्धारित कर रखा हों!।

-


12 NOV 2017 AT 15:43

मैं किस घर को अपना कहूँ?

जो घर जन्म होते ही मुझे "पराया धन" बोलता।
या
जो घर मृत्यु तक मेरे "जख्मो में नमक" घोलता।

मैं तो बेटी हूँ साहेब,
बेटियों का 'घर' कहाँ होता।

-


13 NOV 2020 AT 10:28

🌹स्तुति 🌹

हे माँ लक्ष्मी कमलनिवासिनी ,
सुखदायिनी माते हे स्नेहप्रदायिनी |

तुझको जो ध्यावे वो सुख समृद्धि पाए,
तेरी कृपा से सकल काज पूर्ण हो जाएं ,
महिमा तेरी अनंत हे तमविनाशिनी ,
सुखदायिनी माते .........

रूष्ट जिससे हो वो दरिद्रता को पाए ,
तेरी अनुकंपा माँ महा ऐश्वर्य दे जाए ,
सिंधुसुता हे माँ मनवांछित फलदायिनी ,
सुखदायिनी माते ...........

हे विष्णुप्रिया माँ त्रिविध ताप हर ले ,
सदा रहे हृदय में वास तेरा यही वर दे ,
प्रबल तेज तुम्हारा हे त्रिभुवन की स्वामिनी ,
सुखदायिनी माते है स्नेहप्रदायिनी|....निशि..🍁🍁

-


25 OCT 2019 AT 11:18

मैं लक्ष्मी को पूजता रहा।
सरस्वती की कृपा होती रही।

-


24 DEC 2021 AT 5:39

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई।
जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥

-


26 OCT 2019 AT 10:56

माँ लक्ष्मी,
भर दो सबका खजाना
दीवाली सा कर दो जीवन हमारा,
रोशन कर दो "मन का उजाला"
ख़त्म करो संकटो का दिवाला

-


8 SEP 2021 AT 20:01

मानता मैं भगवती गायत्री माता जी को हूं
आराध्य मेरे महादेव शिव ॐ नमः शिवाय हैं
बनना मैं आनंद नर से नारायण चाहता हूं!
समय लक्ष्मी का है! जो नारायण बना जाए

-


28 OCT 2019 AT 19:43

सरस्वती रूठ गयी है।
लगता है लक्ष्मी की कृपा होगी।

-


17 MAY 2021 AT 13:19

ईश! मैं सिंधुजा तेरे प्रांगण की!
[पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें]

-


29 DEC 2017 AT 14:04

ओज और तेज की मल्लिका
हर कला में प्रवीण थी
कहाँ उसे किसी से मतलब
देश भक्ति में लीन थी
जिस उम्र में खेलते सभी
गुड्डे और गुड़ियों से
वो खेलती नाना संग
कृपाण और छुरियों से
नाना सीखते युद्ध कला
वो छिपकर देखा करती थी
बड़े ही तन्मयता से वो
उसको सीखा करती थी
सूर्य सा था ओज जिसमें
ऐसा शौर्य था भी किसमें
वो उन्मुक्त गगन की स्वामिनी
इतना धैर्य भी था किसमें
हाथी पर बैठना था मनु को
उसने ये जिद ठानी थी
तेरे भाग्य में हाथी कहाँ
नाना नेे बतलायी थी
मेरे भाग्य में एक नहीं
सौ हाथी हैं नाना
जिसने अपने भाग्य को भी
चुनौती दे डाली थी
जिसने कभी भी हार ना मानी
वो महारानी लक्ष्मीबाई थी..【भाग-२】
🚩क्रमशः🚩

-