वो तक़दीर पर अब कैसे उम्मीद रखे,
जो नींद को भी हर रोज रिश्वत देता है।-
12 JAN 2018 AT 18:40
यूँ तो यहाँ हर चीज पल मेँ बिक जाती हैँ,
तो फिर ये तन्हाईयाँ रिश्वत क्यूँ नहीँ लेतीँ.!!-
31 JUL 2018 AT 1:20
तमाम रास्ते आकर ठहरते हैं बस तुम तलक
ज़िन्दगी को मेरी अच्छी रिश्वत खिलायी है तुमने-
11 MAY 2017 AT 6:19
दिया न करो इसे तारीफों की रिश्वत
कलम मेरी कहीं घमंडी हो न जाये-
11 JUN 2021 AT 19:36
अगर "तवायफ" का मतलब पैसा लेकर
इज्जत का "सौदा" करना है,
तो पूरा मुल्क "तवायफखाना" है..!!!
:--मंटो-
10 MAY 2017 AT 22:17
मेरी खुशियाँ रिश्वत नहीं लेती,
शायद इसीलिये उनका तबादला हो जाता है।-
11 MAY 2017 AT 5:38
लगता है तू ने दी है रिश्वत मेरी कलम को
तेरे अलावा कुछ और लिखती ही नहीं है-