दीदार जो उनका हुआ, आँखें नमाज़ी हो गयी
रूठी थी जो किस्मत मेरी, पल में राज़ी हो गयी
- साकेत गर्ग 'सागा'-
आँखोंने गुनाह किया, दिल भी शामिल हुआ,
इश्क़ में सूली चढ़ने को, मैं भी राज़ी हुआ.....
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वो खेल ही क्या जिसमें रिस्क ना हो,
वो मोहब्बत ही क्या जिसमें तेरा ज़िक्र ना हो।-
इश्क़ दी बाजियां, जीतियां ना हारियां
जान से लग गयीं, जान की यारियां
गिन के देख, बदन पे नील दिए हैं इश्क़ ने
पड़े जो हाथ में छाले, छिल दिए हैं इश्क़ ने
वे मैं सारे दुःख सहना, तेनु नई दसना l
.. Song👆from movie soorma..-
रज़ा हो और राज़ी हो अगर अहले-दिल कोई
मुमकिन है मोहब्बत यहाँ मुकम्मल हो जाये
हसरत नहीं किसी की तन्हा रहने की ज़हाँ में
कोई थामे हाथ अगर दिले-नादाँ संभल जाये-
अपनी रज़ाओं को तुम राज़ी कर लो... !
खुशियां ज़माने की तुम दामन में भर लो... !-
तुम मुझको मिरी जिंदगी की
सारी खुशियाँ दोगी क्या ?
जिस मोहब्बत से मिरा वास्ता
नहीं है अब तलक, वो
मोहब्बत मुझसे करोगी क्या ?
मैं राज़ी हूँ थामने को
हाथ तिरा उम्र भर के लिये
बताओ ! हर कदम
साथ मिरे यहाँ चलोगी क्या ?-