जितने हरामखोर थे कुर्बो-जवार में,
परधान बन के आ गए अगली कतार में-
अजीब नशा है,अजीब खुमारी है
हमें कोई रोग नहीं
बस राम ही राम बोलने की बीमारी है
ये बीमारी हमे बहुत ही प्यारी है,
दुनिया को राम नाम में रंगने की खुमारी है,
रहते वक्त जाग जाओ हिन्द के शेरों,
ये भारत को विश्व गुरु बनाने की तैयारी है।
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सुना है, फ़िर राम राज्य आयेगा?
अब फिर, एक सती सावित्री सीता मईया का
गृहत्याग होगा यदि हो पायेगा तो एक बार फिर उन्हें अग्निपरीक्षा देना होगा।
जय हो जय हो...।-
हम सबके राम,सबके है राम
हर मन में राम,हर दिल में राम,
हर घर में राम,अयोध्या में राम
भारत में राम,सारे जग में राम
कण-कण में राम,ब्रम्हाण्ड में राम
चहुँ ओर गुंज रहा है एक हीं नाम
राम ही राम, राम ही राम!-
जात-पात धर्म भेद का सब द्वेष मिटा दो तुम
राम राज्य बनाने वालो पहले राज्य बचा लो तुम
-©सचिन यादव-
🚩🚩।।मेरे राम जी।।🚩🚩
!!स्वागतम्!!स्वागतम्!!स्वागतम्!!स्वागतम्!!
मेरे राम जी 'मर्यादा की पहचान'हैं,,
वो हिन्दुत्व की लाज बचाने आ रहे हैं।
मेरे राम जी 'भवसागर के स्वामी' हैं,,
वो पार लगाने आ रहे हैं।
मेरे राम जी 'करुणानिधि' हैं,,
वो संकट हरने आ रहे हैं।
मेरे राम जी 'सुखकारी' हैं,,
वो दुख हरने आ रहे हैं।
मेरे राम जी 'प्रेम का भाव' हैं,,
वो प्रेम का प्रभाव दिखाने आ रहे हैं।
राम नाम की धूम मची है,
बह चली है हृदय में भक्ति की धार
अब दूर नहीं रहा खुलने ही वाला है मोक्ष का द्वार।
मेरे राम जी का नाम 'मोक्षदायी' है,,
वो कृपा बरसाने आ रहे हैं।
!!स्वागतम्!!स्वागतम्!!स्वागतम्!!स्वागतम्!!
🚩🚩।।जय श्री राम।।🚩🚩
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राम हमारे प्राण, राम हमारी शक्ति, राम ही हमारा अभिमान है।
"राम से है सब कुछ जगत में", राम पर तो सब कुछ क़ुर्बान है।
राम जीवन, राम तन-मन, राम ही मेरी संपत्ति राम मेरा धन है।
राम से ही है शाश्वत हर एक कण-कण, राम ही मेरा जीवन है।
राम प्रेम है, राम "मर्यादा" है, राम मेरे इस जीवन का आधार है।
राम है तो सब खिलखिलाता है, राम बिन सर्वस्व "निराधार" है।
राम है तो विपदा कुछ भी नहीं, जो राम है तो सब कुछ सुंदर है।
बाहर कहाँ ढूँढते फिरते हो मेरे राम को, राम हम सबके अंदर है।
राम कर्म है, राम कर्तव्य है, वचन है, राम स्वपत्नी का सम्मान है।
राम से ही तो जगत में सुरक्षित सभी जीव का "आत्मसम्मान" है।
राम देव है, राम पुरुष है, राम "देवपुरुष" का जीवंत उदाहरण है।
राम यहाँ है, राम वहाँ, राम "सर्वत्र विद्यमान" हैं, निर्मल उच्चारण है।
राम की लीला "अपरंपार" है "अभि" राम से हमारा संबंध पितृय है।
राम के बारे में मैं क्या कहूँ, बस इतना जान लो वो "अद्वितीय" है।-
बड़े दिनों के बाद,
आया है यह दिन आज,,
पूर्ण होंगे सबके काज,
होगा अब राम राज..
🙏
"जय श्री राम"-
सर्व व्यापम राजाराम के दो निवास हैं खास।
दिवस ओरछा रहत हैं सायं अयोध्या वास।।-