वक्त का पहिया घूमता जरूर है।
सुख और दुख तो जीवन का दस्तूर है।
खुद को हमेशा सही बताने वाले,
आज किसका कसूर है?-
वो डायन मेरे घर आना चाहती थी, करने को मेरा संसार कंगाल।
माँ ने घर के दरवाजे पर ठोक रखा था, काले घोड़े का अदभुत नाल।
-
हम उसे भुला ना सकें, ऐसी उसमें कोई बात नहीं।
सच्चा प्यार कोई बेवफा संभाल ले, इतनी उसकी ओकात नहीं।
क्या कहती है वो! उसने मुझे छोड़ा है? ×2
उसके छोड़ जाने से बढ़कर, मेरे लिये कोई सौगात नहीं।-
क्या खूब दिखावा था तेरा इश्क, जाने से पहले तुझे सबक सिखा दूंगा।
खुद को सती सावित्री मत बता दुनिया को, जुबान खुल गई तो तेरी ओकात दिखा दूंगा।
तू जो सोचती है कि मुझे चूतिया बना रही है, भरम है तेरा।
कॉपी-कलम ले के आना तेरे तीनो यारों का नाम सहित मोबाइल नम्बर भी लिखा दूंगा।
-
हमारी गाड़ी नहीं, बीमारी है।
निकलने की भी पूरी तैयारी है।
गाड़ी पहले चालू तो होने दीजिए।
मंजिल पहुचने तक जंग जारी है।
-
जो मनुष्य छन भर में अपने गुस्से को मुस्कान में, और मुस्कान को गुस्से में बदलने की काबलियत रखता है।
वो किसी भी परिस्थिति में खुद को ढाल सकता है।-
जुबां से जो ये नफरत के विष उगल रही हो,
तुम्हारी आँखों में उसके लिये प्यार आज भी उतना ही है।-
काश कि हम चाय हो जाते,
हर सुबह तुम खुद अपने होठों से लगाते।
मेरा पूरा दिन मुकम्मल हो जाता,
शायद! हम होश में नहीं आ पाते।।-