'अयोध्या'
(निर्णय प्रतीक्षा में)-
फ़िर दोहराएंगे तमाशा, मज़हबी गोटियां फेंकी जाएंगी
मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर सियासी रोटियां सेंकी जाएंगी-
तुम्हारे लिए तुम जैसे, मेरे लिए मुझ जैसे हैं,
कैसे बता दूँ तुम्हें कि, 'राम' असल में कैसे हैं...
जो जैसा उसके वैसे राम
ना छोटे ना ही बड़े है राम
जितने भक्त हैं उतनें राम
सभी के अपने अपने राम
गरीब के है राम, उनके भी, जिनके पास पैसे हैं,
कैसे बता दूँ तुम्हें कि, 'राम' असल में कैसे हैं...
दशरथ पुत्र दुलारे राम
सीता के पति प्यारे राम
मेरे इक मात्र सहारे राम
अयोध्या पुनः पधारे राम
बंधें है जिनसे हम वो राम, प्रेम पाश के रेशे हैं,
कैसे बता दूँ तुम्हें कि, 'राम' असल में कैसे हैं...-
जीवन में संघर्ष करना...।
सुख एवं दुख में धर्य धारण करना ...।
सबके प्रति प्रेम भावना रखना...।
अपने सुख को त्याग कर
दूसरों की रक्षा करना....।।
🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩🙏🙏🙏
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अयोध्या में आपका मंदिर बनेगा राम
अब इतना हो जाये की
आप जैसे गुण भी सब में आ जाये राम-
कोना कोना गूंज उठा है, राम नाम के नारों से
कर्ण पट सब खुल गए, श्री राम प्रभु के जयकारों से
कलयुग का वनवास ख़तम, अब राम लला जी आए हैं
पांव पख़ारो श्री राम प्रभु के सरयू के जलधारों से
चमक उठी है अयोध्या नगरी, दीपों के उजियारों से
सजे हैं सरयू घाट भी सारे, भगवा के फव्वारों से
नयना उत्सुक, तन मन हर्षित, राम राज के गानों से
स्वागत करता देवलोक भी फूलों की बौछारों से..!!
।। जय श्री राम ।।-
बिसरी संस्कृति पुनः स्थपित होगी,
सुनिश्चित लक्ष्य का मुझे अभिमान है,
कर्म पथ पर उन्हें बाधित करेगा कौन,
जिनके रक्षक स्वयं पुरुषोत्तम श्रीराम हैं ।।
जय श्री राम 🙏🙏-