तन्हाइयों में बैठ कर तुझे याद करती हूं
दुआ खुदा से तेरे लिए मांगती हूं
और एक नहीं हो सकते ये हकीक़त जानती हूं
😍💜😍
फ़िर भी ना जाने क्यों मै तुम्हे बेपनाह चाहती हूं-
जो जबरदस्ती पिलाता है,उससे
यार कहते हैं,
और,
जो बिना वजह रुलाता है,उससे
प्यार कहते हैं
☺😊☺-
गिरती बूंदों में जम़ी के लिए आसमां का प्यार दिखता है,
बांवरी हूँ, नजरों में आता हर चेहरा मुझे मेरा यार दिखता है।-
उसके हवाले हैं अब हरेक असरार मेरा
वहीं बनेगा मेरे दर्द की वजह या ग़मगुसार मेरा
मैं एक पल ना सोचूँ 'गर वो जाँ भी मांग ले
उसके सामने नही रहता मुझ पर इख़्तियार मेरा
सीने में मेरे धड़कता दिल है उसी का है मालूम उसे
अब रखे सम्भाल कर या कर दे दिल अफ़ग़ार मेरा
सभी ने मांगा खुदा से दुआओं में यार उनका
मैंने मांगा खुदा को कि खुदा ही है यार मेरा
वो मिला नही फ़क़त लड़ते रहे मंदिर मस्जिदों पर
"मुनीष" मैंने ज़र्रे ज़र्रे में ढूँढ़ लिया है यार मेरा-
आज किसने मुझे,
मेरा दोस्त के बारे में पूछा,
में बोला मेरा दोस्त वो टट्टी है,
जो
3 बार फ़्लश करने के बाद भी,
छोड़के नहीं जाता है।
-
सोना भूल गया हूँ शब-ए-इंतिज़ार की ख़ातिर
शायद वो लौट ही आए अपने प्यार की ख़ातिर
उसके रूठ जाने से कम नहीं होगा मेरा जज़्बा
भले दुनिया से लड़ना पड़े इस यार की ख़ातिर
कहीं सुना था कि तुझे पसंद नहीं ज़्यादा हँसना
हर तफ़रीह बन्द कर दी तेरे इज़हार की ख़ातिर
तेरी आँखों में डूब चुका है अब सफ़ीना उसका
रोना नहीं कभी अपने इस हक़दार की ख़ातिर
'आरिफ़' तेरा है और तू उसकी है रश्क-ए-क़मर
तू दूर उससे जाना नहीं किसी अग्यार की ख़ातिर-
सोना भूल गया हूँ शब-ए-इंतिज़ार की ख़ातिर
शायद वो लौट ही आए अपने प्यार की ख़ातिर
उसके रूठ जाने से कम नहीं होगा मेरा जज़्बा
भले दुनिया से लड़ना पड़े इस यार की ख़ातिर-
हम कभी भी अपने दुश्मनों पर आगे या पीछे से वार नहीं करते।
हम अपने दुश्मनों के दिल और दिमाग पर वार कर उनके सोच को ही बदल देते हैं।-