परेशानियों की फेहरिस्त
चाहे कितनी भी लम्बी हो
उम्मीदों का दामन कभी न छोड़ना
इक रोज़ मुकाम हासिल होगा जरूर
तुम चलना कभी न छोड़ना-
धकेला गया जब भी मुझे
बीच मंच पर जा पहुंची हूँ...
हाँ! मैं रंगमंच का किरदार हूँ
भीड़ का हिस्सा नहीं....— % &-
मैं वो आवारा , जिसे नारी की हवस ले डूबी।
तुम वो बादल , जो इसमे भी प्यार की बूदें बरसा डाली।-
Justice कितने में मिलेगी ? ₹ ओर $ ?
मैं रो पडूं , हर चीख पे , अब दर्द मेरा ना ।
कहूँ मैं क्या, बता मुझे , तू खेल खेले ना।
रहूं जो मैं सिकुड़ के , जज्बात मेरे क्या ?
हर मोड़ पे आशिक़ मेरे , साजिश है कोई क्या ?
P.S
ना गुजरा , ना मुजरा उस जनाजे का खौफ,
तू हिन्दू या मुस्लिम इरादे बेखौफ ।
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अंदाज है कुछ अलग मेरे सोचने का,
सबको मंजिल का शौक है और मुझे सही रास्तों का,
कुछ लोग कहते हैं कि रोहित पैसा रखो,
बुरे वक्त में काम आएगा,
हम उनसे कहते हैं कि अच्छी संगति में रहो,
कभी बुरा वक्त ही नहीं आएगा।।-
जो काँटो को ही जिंदगी मान लेते हैं
फटे तिरपाल को छत मान खुश हो
लेते हैं ....
बौने लगते हैं उसको ये हालात
जिसमें ये महल वाले हाय तौबा
मचाते हैं।
🙏राधे राधे🙏
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शीर्षक-"जमाना"
कुछ अजीब सी हसरतें लेकर चल रहा है जमाना,
मुझे लग रहा है किसी गलत साये में पल रहा है जमाना ||
कहीं साजिशें तो कही रंजिशें बुन रहा है जमाना ,
मुझे लग रहा है कोई गलत धुन सुन रहा है जमाना||
कुछ अजीब सी चालें अब चल रहा है जमाना,
मुझे लग रहा है किसी गलत जिद को मचल रहा है जमाना ||
कहीं कुछ ढूँढने कहीं कुछ खोजने निकल रहा है जमाना ,
मुझे लग रहा है कोई गलत राह पे चल रहा है जमाना||-
जिंदगी में हर बात तुम्हें समझ में आये ये जरूरी नहीं,
कुछ बातें समझना नहीं कबूल करना जरूरी होता है।-
- किसी अपने से उसका कोई अंग माँग के देखना :-
"करीब होगा वो दिल के बहुत पर वो अंग देने में गरीब ही ख़ुद को दिखाएगा"-