एक नज़र में हूर, एक में जवानी समेट के
क्या खूब तूने उलझाए थे
प्यार मुहब्बत से कहां वाकिफ था
इक चांद की मदत से तूने क्या खूब सुलझाए थे-
तुम...सही हो,
क्यूंकि मैंने सही माना है तुम्हें।
तुम...मेरा आत्मविश्वास हो,
क्यूंकि मैंने आत्मा का सार माना है तुम्हें।।
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वाह ! रे मेरे साँवरे..
आप और आपका इश्क…
जो आपको जान ले.. आप उसी की जान ले…
राधे राधे🙏🙏🙏🙏-
मीरा जैसी भक्ति नहीं
राधा जैसा प्रेम नहीं
श्रीराम के आदर्श की बात करूं मैं क्या,
'सीता' सी पतिव्रता कोई नहीं।।
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(अनुशीर्षक में पढ़ें)-
मेरी संगनी मेरी अर्धांगनी,
तू हवा जल सी पावनी,
मैं गीत कोई विरह का,
तू मिलन की कोई रागनी,
है धूप सी यह ज़िन्दगी,
तेरी छाओं में है गुजारनी,
मैं गांव तेरे ख़्वाब का,
तू पीपल की कोई छावनी,
मन चंचल क्षणभर ठहर,
तेरी ओट ही है मनभावनी,
तू ही राधा तू ही मीरा,
तू उर्वशी मेरी कामिनी,
मेरी संगनी मेरी अर्धांगनी,
तू हवा जल सी पावनी..!-
अस्तित्व मेरा या तुम्हारा...
कब मिट जाए क्या पता...??
वक्त के पहियों तले...
कब कौन कुचल जाए क्या पता...??-
वाह ! रे मेरे साँवरे..
आप और आपका इश्क…
जो आपको जान ले.. आप उसी की जान ले…
राधे राधे🙏🙏🙏🙏-
न शक्ल बदली न ही बदला मेरा किरदार
बस लोगों के देखने का नजरिया बदल गया-
इस जहाँ में कुछ लोग अपने है तो कुछ लोग पराये
मगर हकीकत तो ये है इस संसार मे कोई अपना नही
अकेले ही आता है"इंसान" अकेले ही जाता है
ना कोई किसी को जाने से रोक सकता है
ना कोई किसी को दुनिया मे आने से
सबको अपनी किस्मत का मिलता है
ये दुनिया बस खेल की एक नगरी है
जहां बस लोग अपना किरदार निभा
कर वक़्त के अनुसार चले जाते है
यही ज़िन्दगी की सच्चाई है
यही ज़िन्दगी का फलसफा है
इसलिये हर व्यक्ति कहता है "कौन मेरा"-
तू जान मेरी..
तू पहचान मेरी..
तू याद मेरी..
तू फरियाद मेरी..
💞💕❤-