सब बोलने को बैठे तैयार सुनते बहुत कम हैं,
सबको सजना है रानी के ताज में
सबको सजना है रानी के ताज में
इतना तपे ऐसा कोयला बहुत कम है।-
मूर्खता की भी हद है यार,
आज चालाक बनिया सोनार
अपने घर का समान बेचता है
और मूर्खों को लगता है कि
आज समान खरीदने से धन की वर्षा होगी।
🤣🤣🤣-
खामोशी में शोर बहुत, पर आंखें नम हैं;
यहां तलवारें बहुत है, मियाने कम है...-
हम धोखेबाज़ों से नहीं घिरे होते,
हमारी अपेक्षाएं ही दुःख का कारण होती है।-
दिखाने लगा जहालत जब से वो यूँ सरे आम।
मुर्खों की जमात में शामिल हो गया उसका नाम।
रह रह कर हर नजर अब एक ही सवाल है करती-
क्यूँ करता है इसतरह से वो देश को बदनाम।
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जातिवाद का
ढोल पीटने वाले मूर्खों
😡
अगर धर्म ही नहीं बचा तो
जाती
तुम्हारा बाप भी नहीं बचा सकता
जय हिंद 🙏
जय भवानी 🙏
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मूर्ख लोग पहले आप पर हसेंगे
फिर आप से बहस करेंगे
फिर आप को, वो अपने स्तर पर ले जाएँगे
फिर, वो अपने अनुभव से, आपको हरा देंगे-
अपने काम की खुद ही वाहवाही करना,
दूसरों को नीचा दिखा कर खुद आगे बढ़ना,
यह घटिया राजनीति के लक्षण है।
इससे हम खुद के सामने भले बुद्धिमान लगे,
सच में तो हम मूर्खों की श्रेष्ठतम श्रेणी में गीने जाएंगे,
क्योंकि यह रास्ता अभिमान को बढ़ावा देता है
और अभिमान यानी घटिया जिंदगी का दरवाजा।-
मूर्खों की ताकत को कभी भी हल्के में मत लो, विशेष रूप से तब जब वो समूह में हों।
~ जॉर्ज कॉर्लिन
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