बाखुदा, नजरोंसे तो बहुत कुछ कहा था उन्होंने,
जब जुबां से कहने की बारी आई तो न जाने क्यों मुकर गए।-
वक्त पर निकली हुई
बातो से मुकरिये-ना-जनाब हालात
अकसर सच उगल
ही देते हैं-
बैठे थे याद करने कल वक़्त पुराने की बातें,
अलग था वो ज़माना और उस ज़माने की बातें.
वो अपनी कसमें वादे, उनको निभाने की बातें,
ज़िन्दगी एक शख़्स के साथ बिताने की बातें..
वो मुकर कर उसका मुझसे नज़रें चुराने की बातें,
वो जाना बेवजह न फ़िर लौट कर आने की बातें...
ये इश्क़ मोहब्बत हैं बस दिल बहलाने की बातें,
लुट गए हम तो सुन कर दिल दीवाने की बातें....-
अनगिनत बार हम मुकर जाते है
अपनी हक़ीक़ी ज़िंदगी से,
आख़िर में हम इसे ही अपनाते है
अपनी क़िस्मत समझकर-
इक मुलाक़ात की थी शज़र के तले
कोई बादल वहीं से गुजरता रहा
आरज़ू तो बहुत थी लगा लूँ गले
पर ज़माने के डर से मुकरता रहा
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✍️"आप सबके लिए "
खुदा करे आप सब के बढ़ते कदम सलामत रहें!
मेहनतकश बनकर आप सभी नए इतिहास रचें। 🙌...🍇
अच्छे लोगों से आपका परिचय हो, आप भी महान व गुणवान बनें।
सबके लिए दिल में हो नेक विचार, सबको प्रेरित करें, गुणगान करें। 🙌...✍️
बाधाओं से उलझने की, हिम्मत से लड़ने की,
सब्र रखने की काबिलियत से सुसज्जित हों आप! 🙌...🍇
मदद करने की, समझने की, प्यार करने की,
कर्तव्य से न मुकरने की बेहतरीन मूरत बनें आप! 🙌...✍️
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दिल जो ना कहता था हम वो भी कर गए..!
चलते थे जो कदम मिलाकर वो भी मुकर गए..!!
हम भी कैसे नादान थे दोस्तो दुनिया के मामले में..!
जिन्हें देनी थी थोड़ी सी हसीं नाम उनके ज़िन्दगी कर गए..!!-
जुबां से कही बात तो हर कोई समझ लेता है,
नज़रों से गढ़ी बात पढ़ने का हुनर बस वही रखता है !-